लखनऊ (ब्यूरो)। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद भी बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। यह कहना है एकेटीयू के वीसी डॉ। पीके मिश्रा का। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग करने के बाद रोजगार आसानी से न मिलने के कारण ही अब इंजीनियरिंग के कोर्सों में पहले की तुलना में एडमिशन कम हो रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए कॉलेजों को अपने स्तर से भी प्लेसमेंट के अवसर पैदा करने होंगे। इसके लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही स्ट्रक्चर और प्लेसमेंट पर भी ध्यान देना होगा।

कॉलेजों से मांगी थी जानकारी

गौरतलब है कि एकेटीयू वीसी ने संबद्ध कॉलेजों से बीते तीन साल के प्लेसमेंट की जानकारी मांगी थी। कॉलेजों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार अधिकतर कॉलेज प्लेसमेंट के मामले में खराब पोजीशन में हैं। एकेटीयू से संबद्ध 600 कॉलेजों में 450 से अधिक कॉलेजों में प्लेसमेंट 50 फीसद के आसपास भी नहीं है।

यूनिवर्सिटी के भरोसे कॉलेज

संबद्ध कॉलेजों में से अधिकतर यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित होने वाले जॉब फेयर पर ही निर्भर हैं। कॉलेजों की ओर से स्टूडेंट्स को जॉब दिलाने की दिशा में कोई विशेष प्रयास नहीं किया जाता है। और तो और करीब 65 प्रतिशत कॉलेजों में तो प्लेसमेंट सेल का ही सही तरीके से गठन नहीं किया गया है। एकेटीयू से संबद्ध इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में बीटेक, बीबीए, एमबीए, एमसीए, एमएससी नैनो टेक्नोलॉजी, एमएससी अक्षय ऊर्जा आदि तमाम कोर्स चलाए जा रहे हैं। अब इन कोर्सों को करने के बाद अच्छा प्लेसमेंट न मिलने से स्टूडेंट्स का रुझान इन कोर्सों से कम हो रहा है। आलम यह है कि स्टूडेंट एकेटीयू की ओर से कराए जाने वाले जॉब फेयर का इंतजार करते रहते हैं। हालांकि एकेटीयू के जॉब फेयर से भी अभी वो परिणाम सामने नहीं आए हैं, जिन्हें बेहतर कहा जा सके।

एनसीआर के कॉलेजों की स्थिति बेहतर

संबद्ध कॉलेजों में अगर गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ के कुछ कॉलेजों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर का प्लेसमेंट रिकार्ड बहुत खराब है। हालांकि एनसीआर के कॉलेजों का प्लेसमेंट रिकार्ड करीब 90 फीसद के आसपास है। यही कारण है कि इन कॉलेजों में एडमिशन के लिए भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना स्टूडेंट्स को करना पड़ता है। वहीं बाकी कॉलेजों को सीटें भरने में ही दिक्कतें आती हैं।

कॉलेजों को नवंबर तक प्लेसमेंट सेल का गठन कर उस पर काम करने के लिए कहा गया है, जिसे दोबारा से स्टूडेंट्स का रुझान यूनिवर्सिटी की तरफ बढ़ाया जा सके।

-प्रो। पीके मिश्रा, वीसी, एकेटीयू