लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए चार बिंदुओं पर एक्शन प्लान तैयार किया गया है, यह प्लान ट्रांस और सिसगोमती के आधार पर बनाया गया है, जिससे सभी उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सके। इतना ही नहीं, प्लान बनाए जाने के साथ ही मॉनीटरिंग लेवल को भी मजबूत किया जा रहा है, इसके लिए अतिरिक्त टीमें लगाई गई हैैं। चीफ इंजीनियर लेवल पर रोज सुबह और शाम मॉनीटरिंग रिपोर्ट देखी जा रही है, जिसके आधार पर बिजली संकट से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैैं।

एरियावाइज बनाया गया है प्लान

बिजली की मांग और बढ़ते लोड को देखते हुए इस बार एरियावाइज प्लान बनाया गया है ताकि एरिया में बढ़ती खपत और लोड के अनुसार कदम उठाए जा सकें। ऐसे एरिया भी चिन्हित किए जा रहे हैैं, जहां दिन में लोड कम रहता है और रात में अचानक बढ़ जाता है। इस सिस्टम को समझने के लिए भी टीमें लगाई गई हैैं ताकि लोड बैलेंसिंग की जा सके। एरियावाइज उपभोक्ताओं का भी फीडबैक लिया जा रहा है। उनसे पूछा जा रहा है कि दिन में कितनी बार बिजली जाती है और कितनी देर के लिए जाती है। इसकी भी अलग से रिपोर्ट बनाई जा रही है।

ये प्लान हुआ है तैयार

1-ट्रिपिंग-ट्रिपिंग की समस्या दूर करने के लिए लाइन व लोड चेकिंग का काम शुरू किया गया है। इसके साथ ही लोड बैलेंसिंग के फीगर को भी देखा जा रहा है। सिस और ट्रांसगोमती दोनों ही एरिया में ट्रिपिंग की समस्या सामने आती है, ऐसे में उन कारणों की तलाश की जा रही है, जिसकी वजह से बिजली की आंख मिचौली होती है।

2-लोड बैलेंसिंग/मॉनीटरिंग-सबसे मुख्य कार्य लोड बैलेंसिंग को लेकर किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ट्रांसफॉर्मर्स और लाइनों पर लोड को चेक किया जा रहा है, जिस एरिया में लोड अधिक मिल रहा है, वहां पर तुरंत लोड बैलेंसिंग संबंधी कदम उठाए जा रहे हैैं। वरिष्ठ अधिकारी खुद सबस्टेशन में जाकर लोड बैलेंसिंग की स्थिति देख रहे हैैं।

3-ओवरलोड ट्रांसफॉर्मर्स-सभी उपकेंद्रवार ऐसे ट्रांसफॉर्मर चिन्हित किए जा रहे हैैं, जिन पर लगातार लोड बढ़ रहा है या अचानक लोड बढ़ता है। पॉश एरिया से लेकर घनी आबादी वाले एरिया में सुबह और शाम दो वक्त लोड चेक किया जा रहा है। जिन ट्रांसफॉर्मर्स पर लोड अधिक मिल रहा है, उन्हें रिप्लेस किया जा रहा है।

4-लाइन रिप्लेसमेंट-एक बड़ा कदम लाइन रिप्लेसमेंट को लेकर भी उठाया जा रहा है। इसके अंतर्गत एबीसी लाइन को रिप्लेस किया जा रहा है। हाल में ही उतरेठिया एरिया में यह कदम उठाया गया है। ट्रांसगोमती एरिया में भी कई इलाकों में लाइन रिप्लेसमेंट का कार्य किया गया है।