हर दिन 100 रुपए खर्च

एक खिलाड़ी को हर दिन भर में पचास से सौ रुपए सिर्फ पानी पर खर्च करना पड़ रहा हैकई खिलाड़ी तो घर लौटने की तैयारी में हैसभी प्लेयर्स ऐसे कंडीशन में नहीं हैं जो पानी पर हर दिन इतना खर्च कर सकें.

बिल न पे हो पाने से कटी बिजली

बिजली का बिल ना जमा हो पाने के कारण केडी सिंह बाबू स्टेडियम की लाइट काट दी गईइसके चलते यहां संचालित होने वाले विभिन्न गेम्स हॉस्टल में रहने वाले प्लेयर्स का शेडयूल तक डिस्टर्ब हो गया हैगल्र्स के लिए यह और भी बड़ी समस्या है.

आइपीएल का मजा किरकिरा

खिलाडिय़ों के अनुसार आइपीएल का रोमांच भी वह मिस कर रहे हैंपिछले दो दिन से उन्होंने एक भी मैच नहीं देखा हैइसके अलावा हॉस्टल में रहने वाले कई खिलाडिय़ों के पेपर भी चल रहे हैंऐसे में रात में पढ़ाई तो संभव ही नहीं हो पा रही है.

बाहरी खिलाड़ी भी ला रहे हैं पानी

लाइट ना आने के कारण यहां पर पानी की समस्या बहुत बड़ी हो गई हैसिर्फ हॉस्टल के खिलाडिय़ों को ही नहीं बल्कि यहां रुटीन प्रैक्टिस पर आने वाले खिलाड़ी तक परेशान हैंकई खिलाडिय़ों ने घर से पानी लाना शुरू कर दिया है तो कई खिलाड़ी यहां आस-पास के होटल पर मिलने वाली मिनरल वाटर बॉटल खरीदने को मजबूर हैं

ग्राउंड पर नहीं पड़ रहा है पानी

बिजली ना आने से केडी सिंह बाबू स्टेडियम का ग्राउंड भी खराब होता जा रहा हैगर्मियों में ग्राउंड को मेनटेन रखने के लिए पानी डालना जरूर हैलेकिन पिछले दो दिन से पानी नहीं डाला जा सका है

दनादन हो रहे हैं स्वीमिंग में एडमीशन

रीजनल स्पोट्र्स ऑफिस के अनुसार डेली बीस से तीस फार्म एडमीशन के बेचे जा रहे हैंइतना ही नहीं लोग स्वीमिंग की फीस जमा भी कर दे रहे हैंजब से इस सीजन में बाल तरणताल खोलने की घोषणा हुई तो लगातार लोग एडमीशन लेने आ रहे हैंएक अप्रैल से अब तक 200 बच्चों के एडमीशन किए जा चुके हैंये लोग रोज पूल से आकर लौट जाते हैं.

स्टेडियम में संचालित होने वाले हॉस्टल

ब्वायज- हॉकी और स्वीमिंग

गर्ल्स- हॉकी, जिम्नास्टिक, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स,

ब्वायज की संख्या-45

गर्ल्स की संख्या- 75

क्या क्या हैं मुश्किलें

- नहीं मिल रहा है पीने का पानी

- मार्केट से मिनिरल वॉटर की बोतल लेकर बुझा रहे है प्यास

- नहाने के लिए दूसरों के घरों का रुख कर रही हैं गल्र्स

- नहीं भर पा रहा है पूल में पानी

- मिस कर रहे है आईपीएल मैच

-नहीं कर पा रहे हैं पेपर की तैयारी

इन गेम्स की रोज होती है प्रैक्टिस

हॉकी, एथलेटिक्स, जिम्नास्टिक, हैंडबाल, क्रिकेट, वॉलीबाल, ताइक्वांडो, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग,

क्या कहते हैं डायरेक्टर

यूपी स्पोटर्स के डिप्टी डायरेक्टर डा आरपी सिंह कहते हैं कि शासन तक को मामले को जानकारी दे दी गई हैलगभग छह लाख रुपए का बिल बाकी हैजब बजट आएगा तभी बिल जमा हो पाएगाफिलहाल अभी तक बिल का भुगतान नहीं हो सका है और स्टेडियम की बिजली कटी हुई है