- पटाखा बिक्री को लेकर पुलिस अलर्ट, 34 लाइसेंस सस्पेंड

-शासन से निर्देश मिलते ही पुलिस की टीमें गठित

- पटाखा बेचते व छुड़ाते मिलने पर विस्फोटक अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

300 रुपये फुटकर लाइसेंस की सरकारी फीस

1000 पटाखा दुकानें शहर में लगती हैं

5000 रुपये लाइसेंस बनाने का आता है खर्च

38 होलसेल पटाखा कारोबारी हैं काकोरी में

LUCKNOW : एनजीटी की रिपोर्ट पर सरकार की ओर से 30 नवंबर तक पटाखों पर बैन के निर्देश के बाद कमिश्नरेट पुलिस अलर्ट हो गई है। कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बुधवार को हर थानावार टीम गठित करा कर पटाखों की दुकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।

सरेंडर करें लाइसेंस

कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि मंगलवार को पटाखों की बिक्री पर रोक लगने के निर्देश मिलते ही शाम तक 34 व्यापारियों के लाइसेंस सस्पेंड किये गये। वहीं अन्य लोगों को 24 घंटे के अंदर लाइसेंस सरेंडर करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बावजूद जो भी पटाखों की बिक्री करते पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगा। इसके लिए सभी इंस्पेक्टर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वह एक टीम बनाकर इलाकों में गश्त कराएं, जिससे कोई भी पटाखा बेच न सके।

विस्फोट अधिनियम में कार्रवाई

वहीं पटाखा छुड़ाने वालों पर भी विशेष नजर रखी जाएगी। यदि कोई आतिशबाजी करते मिला तो उसके खिलाफ विस्फोट अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए खुफिया एजेंसी की मदद भी ली जा रही है। शहर में अलग-अलग थाना क्षेत्र में करीब एक हजार फुटकर दुकानें लगती हैं, जिसमें कई दुकानदारों ने लाइसेंस ले लिया था, जिन्हें सरेंडर करने का निर्देश दिया गया। जिन दुकानदारों के लाइसेंस थाने पहुंचे उन्हें भी रोक दिया गया।

होलसेल की दुकानों को बंद कराया

पटाखा बिक्री और छुड़ाने पर रोक लगाने के बाद फुटकर दुकानदारों में हलचल मची थी, वहीं गुरुवार को काकोरी में होलसेल पटाखा कारोबारी कारोबार करते हुए नजर आए। इसकी सूचना जैसी ही पुलिस को मिली उन्होंने मौके पर पहुंच कर दुकानों को बंद करा दिया। होलसेल दुकानदारों का कहना है कि लखनऊ व अन्य जिलों में पटाखा बिक्री पर रोक है, लेकिन कई जिले ऐसे हैं जहां पर रोक नहीं है। वहां के व्यापारी उनसे माल खरीदने आए, लेकिन उन्हें भी बैरंग वापस कर दिया गया।

कर्ज और ब्याज पर पैसा लेकर खरीदा माल

शहर में करीब एक हजार फुटकर पटाखा दुकानदार हर साल दुकान लगाते हैं। फुटकर दुकानदार सतनाम सिंह, राजकुमार समेत अन्य लोगों का कहना है कि उन्होंने लाइसेंस बनाने के बाद होलसेल कारोबारी को दो से तीन लाख रुपये पटाखे के लिए एडवांस भी दे दिए थे। उन्होंने तीन दिन की दुकानदारी के लिए कर्ज व ब्याज पर पैसा लिया था, लेकिन अब उनकी पूरी रकम फंस गई है।

व्यापारियों से बात-चीत

एक हजार फुटकर दुकानें पटाखे की शहर में अलग-अलग जगह लगती हैं। हर दुकानदार कर्ज व ब्याज पर पैसा लेकर काम करता है। अब उसका पैसा भी फंस गया.क्योंकि होलसेल व्यापारियों को उन्होंने एडवांस पहले ही दे दिया था। होलसेल व्यापारी पैसा वापस करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में छोटे दुकानदार पूरी तरह बर्बाद हो गए।

सतनाम सिंह, फुटकर पटाखा कारोबारी

काकोरी में होलसेल पटाखा के करीब 38 व्यापारी हैं। यहां से लखनऊ समेत कई जिलों के व्यापारी पटाखा खरीदने आते हैं। निर्देश के बाद हमारी दुकानें भी बंद करा दी गई। छोटे दुकानदारों से एडवांस लेकर हम लोग भी कंपनी से कैश पटाखा मंगवाए थे। हम लोग दोनों तरफ से फंस गए। रकम ब्लॉक होने के साथ-साथ पटाखे को स्टोर करने की भी जिम्मेदारी है।

सतीश मिश्रा, होलसेल पटाखा कारोबारी