लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां राजधानी में बढ़ता अपराध पुलिस के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है, तो दूसरी तरफ इन अपराधों में महिलाओं के बड़ी संख्या में शामिल होने से पुलिस की टेंशन और बढ़ गई है। पुलिस आंकड़े बताते हैं कि राजधानी के अलग-अलग थानों में कुल 36 से ज्यादा ऐसी महिलाओं पर मुकदमा दर्ज है, जो संगीन अपराधों में लिप्त हैं। ऐसे में लखनऊ पुलिस ने एक बार फिर इनकी कुंडली खोली है, ताकि इन महिला अपराधियों पर लगाम लगाई जा सके। पढ़ें अमित गुप्ता की रिपोर्ट

चिन्हित की गईं महिला अपराधी

पुलिस ने पिछले 10 सालों में शहर के अलग-अलग थानों में दर्ज मुकदमों के आधार पर लगभग नौ हजार से ज्यादा अपराधियों की एक लिस्ट बनाई है। इसके तहत पुलिस को अब 36 ऐसी महिलाओं के नाम मिले हैं, जिन पर संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं। पुलिस अब इन महिला अपराधियों की एक अलग लिस्ट बनाकर इन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, महिला अपराधियों पर लगाम लगाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। इन अपराधियों को लेकर पुलिस ने इनकी कुंडली तैयार कर ली है।

इन इन संगीन धाराओं में केस

पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, चिन्हित की गईं फीमेल क्रिमिनल्स पर राजधानी के विभिन्न थानों में संगीन धाराओं में केस रजिस्टर्ड हैं। इनमें धोखाधड़ी, चोरी, दहेज के झूठे केस में फंसाना, बच्चा चोरी, लड़ाई-झगड़ा आदि कई संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं। पुलिस अब पुरुष अपराधियों के साथ-साथ इन महिला अपराधियों का भी ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार करने में जुटी हुई है, ताकि कोई भी इन महिलाओं की भी कुंडली घर बैठे ऑनलाइन देख सके।

ज्यादातर दूसरे जिले की महिला अपराधी

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला अपराधियों को पकड़ना ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि वे अकसर वेशभूषा बदलकर वारदात को अंजाम देती हैं। इनमें से कई ऐसी भी हैं जो लखनऊ के अलावा बाहरी जिलों की रहने वाली हैं। इन सभी की फिर से कुंडली खुलने के बाद राजधानी में कुछ हद तक अपराध पर लगाम लगेगी।

इसलिए बनाई गई लिस्ट

अधिकारियों के मुताबिक, लगातार क्राइम की वारदातें हो रही हैं, ऐसे में पुलिस ने पाया कि ज्यादातर अपराधों में पुराने क्रिमिनल ही शामिल होते हैं। इसकी वजह से पुलिस ने इन सभी का रिकॉर्ड खंगालते हुए एक लंबी लिस्ट बनाई है। इनमें महिला अपराधियों का नाम भी सामने आना पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। धोखाधड़ी के कई केसों में भी इनका रोल रहा है।

पुलिस के लिए क्रिमिनल्स एक बराबर होते हैं, चाहे वह महिलाएं हो या पुरुष। जितना पुरुष अपराधी को पकड़ना जरूरी होता है उतना ही महिलाएं को भी। चिन्हित किए गए अपराधियों में कई महिला अपराधी भी शामिल हैं।

-आकाश कुलहरि, जेसीपी क्राइम, लखनऊ