- बिकरू कांड में केस दर्ज कर शुरू की छानबीन

- काली कमाई की संपत्तियां होंगी निशाने पर

रुष्टयहृह्रङ्ख : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कानपुर के बिकरू कांड में यूं तो कुख्यात विकास दुबे गिरोह के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू की है, लेकिन उसकी पड़ताल के दायरे में कई तत्कालीन पुलिस अधिकारी व कर्मी भी आ सकते हैं। दरअसल, ईडी अब काली कमाई से जुटाई गई संपत्तियों की सिलसिलेवार छानबीन शुरू करेगी और इस कड़ी में विकास दुबे गिरोह के मददगार रहे पुलिसकर्मियों पर भी शिकंजा कस सकता है। विकास दुबे ने कई पुलिसकर्मियों को भूखंड दिए थे। अब उन पुलिसकर्मियों की संपत्ति की जांच शुरू हो सकती है।

जय वाजपेयी समेत अन्य हैं आरोपी

ईडी ने कानपुर में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके कुख्यात विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी समेत अन्य को आरोपित बनाया गया है। ऐसे में जय वाजपेयी की संपत्तियों के साथ विकास दुबे गिरोह के अन्य सदस्यों की संपत्तियों की छानबीन शुरू की गई है। अपराध की काली कमाई से जुटाई गई संपत्तियों को अटैच करने का सिलसिला भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। ईडी इस मामले में पहले ही अपना काफी होमवर्क कर चुकी है। खासकर विकास दुबे के परिवारीजन की संपत्तियां भी जांच के दायरे में होंगी।

करोड़ों की कमाई का जुटाया ब्योरा

पुलिस जांच में पहले ही विकास दुबे व जय वाजपेयी के बीच लाखों रुपये के लेनदेन के प्रमाण मिले थे। इसके बाद ही जय वाजपेयी को इस मामले में आरोपित बनाया गया था। सूत्रों का कहना है कि ईडी पहले ही काली कमाई से जुटाई गई करोड़ों की संपत्तियों का ब्योरा जुटा चुकी है। जांच में यह पहले ही सामने आ चुका है कि विकास दुबे ने अपने करीबी आठ से अधिक पुलिसकर्मियों को प्लॉट दिए थे। यह प्लॉट या तो सस्ती दरों पर दिए गए थे या मुफ्त में ही आवंटित कर दिए गए थे। इस दिशा में भी छानबीन के कदम बढ़ेंगे। ईडी खासकर विकास दुबे गिरोह की बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। उसके हाथ कई अहम जानकारियां भी लगी हैं।

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