फैक्ट फाइल

- 20 लाख से ऊपर है शहर में वाहनों की कुल संख्या

- 40 हजार ही है सीएनजी से चलने वाली गाडि़यां

- 100 गाडि़यां भी नहीं बिकी पिछले माह

- 01 हजार से ऊपर पहुंचा पेट्रोल डीजल की गाडि़यों का आकड़ा

- 19 सीएनजी रिफिलिंग स्टेशन बनाये जा चुके

- 03 लाख किलो तक है सीएनजी आपूर्ति की क्षमता

- 01 लाख बीस हजार किलो सीएनजी की हो रही खपत

हर महीने सीएनजी वाहन सैकड़ा नहीं पार कर पा रही वहीं पेट्रोल और डीजल के वाहन एक हजार के ऊपर बिक रहे

सीएनजी स्टेशनों के बढ़ने के बाद भी नहीं बढ़ रही सीएनजी वाहनों की डिमांड

LUCKNOW : राजधानी में वाहनों की संख्या जहां 20 लाख से ऊपर हैं वहीं सीएनजी वाहनों की संख्या मात्र 40 हजार ही है। भले ही दीपावली के बाद से शहर में प्रदूषण की विषैली चादर ने शहर को ढक रखा और लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है, बावजूद इसके लोग सीएनजी के बजाय पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। इस मामले में ग्रीन गैस लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है जब तक शहर में सीएनजी वाहनों की संख्या नहीं बढ़ेगी तब तक स्मॉग की दिक्कत हर साल आती रहेगी। वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार शहर में सीएनजी स्टेशनों की कमी के चलते लोग इसकी तरफ रुख नहीं कर रहे हैं।

19 पंपों में मिल रही सीएनजी

राजधानी में सीएनजी पंप की शुरुआत 2006 में हुई। तब से अब तक शहर में 19 सीएनजी रिफिलिंग स्टेशन बनाये जा चुके हैं। इनमें सिर्फ गोमती नगर स्थित ऑनलाइन सीएनजी स्टेशन पर भीड़ रहती है जबकि अन्य जगहों पर मौजूद सीएनजी फिलिंग सेंटर्स पर सन्नाटा पसरा रहता है। ग्रीन गैस लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार शहर में 19 सीएनजी रिफिलिंग स्टेशन मौजूद हैं जिनसे मात्र एक लाख 20 हजार किलो सीएनजी की आपूर्ति ही हो रही है। जबकि हम रोजाना तीन लाख किलो सीएनजी गैस की आपूर्ति कर सकते हैं। राजधानी में प्राइवेट और कॉमार्शियल वाहन भी तकरीबन 40 हजार ही है।

सौ वाहन भी नहीं होते रजिस्टर्ड

आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार प्राइवेट वाहनों में सीएनजी वाले वाहन का रजिस्ट्रेशन जहां सौ के अंदर रहता है वहीं डीजल और पेट्रोल के वाहन के रजिस्ट्रेशन हर महीने एक हजार के ऊपर पहुंच रहे हैं। शहर की हवा को साफ सुथरा रखने के लिए शहर में वाहनों का इस्तेमाल करने वालों को सीएनजी से वाहनों का संचालन करना चाहिए। ग्रीन गैस लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार अन्य फ्यूल की तुलना में वाहनों में मिलने वाला माइलेज के साथ ही रखरखाव का खर्च भी घटता है।

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सीएनजी से 25 से 65 फीसद तक कम हो ता है पॉल्यूशन

पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में सीएनजी से चलने वाले वाहनों से प्रदूषण कम होता है। सभी तरह की विषैली गैस का उत्सर्जन सीएनजी वाहनों में प्रति किमी 25 से 65 प्रतिशत तक कम हो जाता है। ऐसे में वाहनों से निकलने वाले धुंए में शामिल कार्बन मोनो आक्साइड, हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन का उत्सर्सजन कम होने से यह वातावरण में कम हो जाते हैं। इससे प्रदूषण घटता है।

कोट

ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा दिए जाने के जतन किए जा रहे हैं। लखनऊ में सीएनजी स्टेशनों पर होने वाली भीड़ भी खत्म हो चुकी है। अब लोगों को आगे आना होगा। लोगों को पेट्रोल और डीजल वाहनों को छोड़ सीएनजी वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देना होगा।

संजीव मेधी

एमडी, ग्रीन गैस लिमिटेड

शहर से पॉल्यूशन को कम करने के लिए सीएनजी वाले वाहनों को प्राथमिकता देनी चाहिए। सीएनजी को लेकर किल्लत अब खत्म हो चुकी है। जिन इलाकों में इसकी सुविधा हो वहां के लोगों को तो सीएनजी वाहन ही प्रयोग करने चाहिए।

अरविंद कुमार पाण्डेय, अपर परिवहन आयुक्त राजस्व, परिवहन विभाग

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प्राइवेट वाहनों की संख्या-18684

2019 सीएनजी डीजल पेट्रोल

अक्टूबर 71 -1680- 1715

सितम्बर 42 - 983 - 897

अगस्त 78 1107- 1087

जुलाई 94 1082 1184

नोट: पिछले चार महीने का डाटा