लखनऊ (ब्यूरो)। पहले जहां प्रीपेड बिजली व्यवस्था से उपभोक्ताओं को राहत मिलती नजर आ रही थी, वहीं अब यह व्यवस्था उनके लिए मुसीबत का सबब बन गई है। आलम यह है कि पहले जहां उपभोक्ता घर बैठे ऑनलाइन रिचार्ज करा लेते थे, वहीं अब उन्हें फिर रिचार्ज कराने के लिए सबस्टेशन के चक्कर काटने पड़ेंगे। इसकी वजह से साफ है कि उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढऩे वाली हैैं। उपभोक्ता परिषद की ओर से इस मामले को संज्ञान में लिया गया है।

10 नंबर की कंज्यूमर आईडी

जब उपभोक्ताओं को प्रीपेड बिजली व्यवस्था के अंतर्गत कनेक्शन दिया जाता है, तो 10 नंबर की कंज्यूमर आईडी जारी की जाती है। जिसके बाद ज्यादातर उपभोक्ताओं की ओर से पेटीएम के माध्यम से रिचार्ज कराया जाता था। जब उपभोक्ता रिचार्ज कराता था तब उस दौरान 10 अंक की कंज्यूमर आईडी फीड करनी होती थी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया को फॉलो करते हुए उपभोक्ता की ओर से रिचार्ज कराया जाता था। खास बात यह थी कि इस प्रक्रिया के दौरान उसे सबस्टेशन नहीं जाना पड़ता था और वो कहीं से भी रिचार्ज करा सकता था। अब जब से यह व्यवस्था बंद हुई है, तब से जब उपभोक्ता ऑनलाइन माध्यम से रिचार्ज कराता है तो उस दौरान 10 के स्थान पर 12 डिजिट का कोड मांगा जा रहा है, जिसकी वजह से उपभोक्ता कंफ्यूज हो रहे हैैं।

कंज्यूमर आईडी से होता था रिचार्ज

अभी तक 10 डिजिट वाली कंज्यूमर आईडी से ही रिचार्ज व अन्य प्रक्रिया होती थी, लेकिन अब उपभोक्ता को अपने एकाउंट (12 डिजिट) के माध्यम से ही रिचार्ज कराना होगा। दरअसल, व्यवस्था बदलाव की जानकारी न मिलने की वजह से उपभोक्ताओं के सामने समस्या आ रही है। जैसे-जैसे उपभोक्ताओं को जानकारी मिल रही है, उनकी ओर से नई व्यवस्था को अपनाया जा रहा है।

लिबर्टी एप से करें पेमेंट

महकमे की ओर से प्रीपेड मीटर रिचार्ज के लिए लिबर्टी एप लांच किया गया है। प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कर कनेक्शन नंबर के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, ईमेल इत्यादि से लॉगिन करना होगा। जिसके बाद इस एप के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा।

डेबिट-क्रेडिट कार्ड से भी पेमेंट नहीं

वहीं दूसरी तरफ, सबस्टेशनों पर जो उपभोक्ता डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते थे, उनके सामने भी समस्या सामने आ रही है। इसकी वजह यह है कि कई उपभोक्ताओं का कहना है कि सबस्टेशनों पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से प्रॉपर भुगतान नहीं हो रहा है।

इस मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है। साथ ही, यह भी मांग की गई है कि अगर व्यवस्था में कोई परिवर्तन किया जाता है तो उपभोक्ताओं को इस संबंध में जानकारी जरूर दी जाए। जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।

-अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद