लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना की नई लहर की आशंका के बीच जहां एक ओर राजधानी की अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। चीन में कोरोना से मची तबाही को देखते हुए केजीएमयू, लोहिया, सिविल, बलरामपुर आदि अस्पतालों में कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर अपनाना शुरू कर दिया गया है। यही नहीं अस्पतालों में लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने और मास्क लगाने की अपील भी की जा रही है।

मास्क लगाएं, कोरोना से बचें

बलरामपुर अस्पताल

गुरुवार सुबह से ही बलरामपुर अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों से अनाउंसमेंट करके अपील की जा रही थी कि वे कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं। यहां जो लोग मास्क नहीं लगाए थे, उन्हें रोककर मास्क लगाने के लिए कहा गया।

लोकबंधु और केजीएमयू

लोकबंधु और केजीएमयू में भी मास्क को लेकर सख्ती शुरू कर दी गई है। गुरुवार को यहां जो लोग बिना मास्क लगाए घूमते मिले, उन्हें कर्मचारियों ने रोककर मास्क लगाने के लिए कहा। दोनों ही जगह अस्पताल के कर्मचारियों ने बेवहज भीड़ लगाए लोगों को रोका।

लोहिया और सिविल

लोहिया संस्थान, सिविल अस्पताल और डफरिन में भी तीमारदारों और मरीजों को मास्क लगाने के लिए कहा गया। सिविल अस्पताल में गार्ड भी लोगों से मास्क लगाने की अपील करते दिखाई दिए। वहीं दोपहर के समय अधिकारियों ने भी राउंड लिया और जो लोग बिना मास्क के मिले, उन्हें मास्क लगाने की सख्त हिदायत दी गई।

ओवरआल तस्वीर

गुरुवार को राजधानी के अस्पतालों में बुधवार की तुलना में मास्क लगाने वालों की संख्या अधिक रही। हालांकि अधिकतर अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम कई जगहों पर टूटते हुए भी दिखाई दिए।

कोरोना के नए वैरिएंट से डरने की नहीं अलर्ट रहने की जरूरत है। कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवीयर का पालन करना जरूरी है। मास्क पहने, भीड़-भाड़ इलाके में जाने से बचें। खासतौर पर बच्चे, बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोग विशेष सर्तकता बरतें। संस्थान में कोरोना मरीजों की भर्ती करने और इलाज के पुख्ता इंतजाम हैं।

-डॉ। डी हिमांशु, एमएस, केजीएमयू

अस्पताल में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जाना शुरू कर दिया गया है। मरीजों और तीमारदारों से अपील की जा रही है कि वे मास्क लगाए रहें। कहीं झुंड में न खड़े हों। कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे राउंड कर देखें कि अस्पताल परिसर में कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन किया जाए। इसमें लापरवाही नहीं होने दी जाएगी।

-डॉ। जेपी गुप्ता, सीएमएस, बलरामपुर अस्पताल

अस्पताल में सैनेटाइजर की व्यवस्था करा दी गई है। मरीज व तीमारदारों को फिजिकल डिस्टैंसिंग का पालन करने और मास्क पहनेर आने के लिए जागरूक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अस्पताल में कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन कराया जाएगा। लोगों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।

-डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी, एमएस, लोकबंधु अस्पताल

अस्पताल में कोरोना को लेकर पूरी तरह सतर्कता बरतना शुरू कर दिया गया है। कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करें। अस्पताल परिसर में आने वाले सभी लोग मास्क लगाकर ही आएं। परिसर में कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

-डॉ। आनंद ओझा, निदेशक, सिविल अस्पताल

फिलहाल कोई मरीज भर्ती नहीं है

राजधानी में कोरोना के दो-चार ही मरीज इस समय हैं और सभी का इलाज घर पर ही चल रहा है। फिलहाल अस्पताल में कोरोना का कोई भी मरीज भर्ती नहीं है। वहीं चीन में कोरोना से बने हालात को देखते हुए पूरी व्यवस्था की जा रही है कि अगर यहां भी कोरोना की नई लहर आती है तो अस्पतालों में मरीजों को आसानी से बेड उपलब्ध हो जाएं। उन्हें किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़ा।

किस अस्पताल में कितने बेड की व्यवस्था

अस्पताल बेडों की संख्या

केजीएमयू 460

लोहिया संस्थान 200

बलरामपुर 300

लोकबंधु 200

पीजीआई 240

नोट- राजधानी में कोरोना संक्रमितों के लिए करीब 1400 बेडों की व्यवस्था है, जिसमें 200 से अधिक बेड आईसीयू और वेंटिलेटर सुविधा वाले हैं।

कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध हैं। जरूरत पडऩे पर सिर्फ 10 घंटे के अंदर ही कोरोना मरीजों के लिए बेडों की संख्या 4 हजार तक कर दी जाएगी। बेहद गंभीर हालात मे हम 8 हजार बेडों की व्यवस्था करने में सक्षम हैं। दवाओं की कोई कमी नहीं है। जरूरत पडऩे पर दवा का स्टाक बढ़ाया जाएगा।

-योगेश रघुवंशी, प्रवक्ता, सीएमओ ऑफिस

ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान राजधानी में ऑक्सीजन की कमी के चलते हालात काफी खराब हो गए थे। इसके बाद इस समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर काम किया गया। अब अगर कोरोना की नई लहर आती है तो ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं होगी। प्रवक्ता योगेश रघुवंशी के मुताबिक राजधानी में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। सभी ऑक्सीजन प्लांट चालू अवस्था में है। हाल में सभी का निरीक्षण और टेस्ट भी लिया जा चुका है।

किस अस्पताल में क्या तैयारी

केजीएमयू

केजीएमयू में सात लिक्विड ऑक्सीजन टैंक हैं। इसमें पांच की क्षमता 20-20 हजार लीटर और एक की10 हजार लीटर की है। साथ ही 1800 बड़े व 600 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर हैं।

लोहिया संस्थान

लोहिया संस्थान में 20 हजार लीटर का एक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शहीद पथ अस्पताल में लगा है। यहां भी कई बेडों पर ऑक्सीजन की सीधी सप्लाई है।

अन्य अस्पताल

लोकबंधु, बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल और लोकबंधु समेत बाकी अस्पतालों को मिलाकर करीब 28 ऑक्सीजन प्लांट के अलावा बड़े और छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था है। साथ 200 से अधिक ऑक्सीजन कंसनट्रेटर हैं। इसके अलावा, महानगर बीआरटी अस्पताल में दो और चिनहट के गांधी अस्पताल में भी ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट व कनसनट्रेटर हैं।

बढ़ाई जा रही है टेस्टिंग

कोरोना संक्रमण के लक्षण आने पर टेस्टिंग की व्यवस्था भी पूरी की जा चुकी है। सभी सीएचसी और पीएचसी पर आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट की सुविधा है। राजधानी में इस समय करीब 600 से 1000 तक टेस्टिंग रोज कराई जा रही हंै। जिसे अब बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं। अगर हालात बिगड़ते हैं तो दूसरी लहर की तरह फिर घर-घर जाकर भी कोरोना की जांच की जाएगी।

विदेश से आने वाले टेस्टिंग जरूर करवाएं

केजीएमयू की माइक्रोबायोलाजिस्ट प्रो। शीतल वर्मा के मुताबिक बीएफ-7 को लेकर अभी क्या-क्या लक्षण हैं इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि अभी अधिक इंफेक्शन नहीं हुआ है। फॉलोअप के बाद ही इसके बारे में ज्यादा कहा जा सकता है। ऐसे में संक्रमित देशों से आने वाले अपना टेस्ट जरूर करवाएं। इसके बारे में करीब एक माह बाद ही ज्यादा कहा जा सकता है। जिनको खांसी, जुकाम और बुखार है वो विशेष एहतियात रखें। कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन करें।

टीम कर रही है काम

अभी लखनऊ में 39 रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) हैं, जिसमें 19 टीमें शहरी व ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य की हैं। बाकी 20 सीएमओ कंट्रोल रूम के तहत कोरोना की आशंका में आने वालों की जांच कर रहे हैं। इन टीमों की संख्या को भी बढ़ाया जायेगा।

लोकबंधु में होगी व्यवस्था

सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। लक्षण के आधार पर यात्री लोकबंधु अस्पताल में जांच करा सकते हैं। अभी विदेशी यात्रियों को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई। जैसे ही निर्देश आएंगे जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की जांच कराई जा रही है। अब उनकी ट्रेवल हिस्ट्री भी तैयार की जाएगी।