LUCKNOW NEWS: लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी की बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उप्र पावर कारपोरेशन की ओर से कार्ययोजना तैयार की गई है। इस कार्ययोजना में वैसे तो कई बिंदु शामिल किए गए हैैं, लेकिन सात प्रमुख बिंदु हैैं, जिनका अनुपालन करते हुए बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा। जिसका सीधा फायदा राजधानी के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा।

ट्रिपिंग फ्री जोन बनाने की तैयारी
उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ। आशीष कुमार गोयल के स्पष्ट निर्देश हैैं कि लेसा के अंतर्गत आने वाले सिस और ट्रांसगोमती एरिया को मुख्य रूप से ट्रिपिंग फ्री जोन बनाया जाना है। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है साथ ही एक्शन प्लान भी रेडी है।

ये सात कदम कदम उठाए जाएंगे
1-ट्रिपिंग विहीन सप्लाई
इसके अंतर्गत राजधानी के सभी इलाकों में ट्रिपिंग फ्री बिजली सप्लाई की जानी है। जिससे उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना न करना पड़े।
2-सही रीडिंग
उपभोक्ताओं को रीडिंग के अनुसार ही बिल दिए जाएंगे। कई बार उपभोक्ताओं को गलत रीडिंग का बिल मिल जाता है, जिससे उपभोक्ता परेशान होते हैैं।
3-समस्या का निस्तारण
अपनी समस्या को लेकर किसी भी उपभोक्ता को परेशान न होना पड़े, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।
4-तुरंत मिले कनेक्शन
कई बार नए कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को सबस्टेशन के चक्कर काटने पड़ते हैैं। इस व्यवस्था को भी बेहतर बनाया जाएगा।
5-लाइन लॉस
बिजली चोरी करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। जिन इलाकों में बिजली चोरी अधिक होती है,
6-बिल जमा कराएं
शत प्रतिशत उपभोक्ता बिल जमा कराएं, इसके लिए भी व्यवस्था पुख्ता की जाएगी। समय से बिल जमा न करने पर विभाग को रेवेन्यू संबंधी लॉस भी होता है।
7-कॉमर्शियल कनेक्शन
अगर कहीं भी कॉमर्शियल वर्क हो रहा है तो बिना लेट लतीफी के कॉमर्शियल कनेक्शन दिए जाएंगे साथ ही समय-समय पर लोड की भी जांच की जाएगी।

ट्रांसफॉर्मर्स पर फोकस
पावर कारपोरेशन अध्यक्ष ने कहाकि आने वाली गर्मियों में राजधानी में कोई भी ट्रांसफॉर्मर्स लापरवाही के कारण नहीं क्षतिग्रस्त होने चाहिए। अभी से ही मेंटीनेंस कार्य करा लिए जाएं, जिससे गर्मी में समस्या सामने न आए। यदि कहीं भी ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त होगा तो उसकी जिम्मेदारी तय की जायेगी। उन्होंने कहाकि पावर ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने पर अधिशासी अभियंता पर जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाए, वहीं 100 केवीए के ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने पर भी संबंधित कार्मिक पर जिम्मेदारी तय होगी।

मीटर रीडर्स के साथ जाएं अधिकारी
यह भी निर्देश दिए गए कि मीटर रीडिंग के लिये बिजली निगमों के अधिकारी मीटर रीडर के साथ जाएं। अधिशाषी अभियंता, अधीक्षण अभियंता तथा मुख्य अभियंता भी रीडिंग लें। उन्होंने कहाकि देश में 16 प्रतिशत कामर्शियल कनेक्शन की तुलना में यहां पर कनेक्शन कम हैं, अत: प्रयास करके लखनऊ में भी 20 प्रतिशत तक कामर्शियल कनेक्शन बढ़ाएं। यह भी निर्देश दिए गए कि जो भी व्यवस्था बनाई जा रही है, उसकी लगातार मॉनीटरिंग की जाए, जिससे व्यवस्थाओं को समय से इंप्लीमेंट किया जा सके।