- कोरोना के चलते लंबे लॉकडाउन में बिजनेस ठप हो गया

- निराशा को किया दरकिनार, नया बिजनेस शुरू कर उठाया साहसिक कदम

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रुष्टयहृह्रङ्ख: पहले जहां जीवन में सबकुछ ठीक चल रहा था, वहीं कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से जिंदगी की रफ्तार में ठहराव सा आ गया। एक तरफ रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया, वहीं दूसरी तरफ नए सिरे से जीवन में आगे बढ़ने की चुनौती थी। इसके बावजूद हिम्मत नहीं हारी और जीवन में बदलाव के लिए साहसिक निर्णय लिया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से यह शब्द बयां किए दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुके इंदिरा नगर निवासी नरेंद्र यादव के।

दोस्त बने मददगार

नरेंद्र बोले, नया बिजनेस शुरू करने के लिए उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी बजट की। रियल एस्टेट बिजनेस ठप होने के कारण उनकी वित्तीय स्थिति पहले से ही खासी खराब हो चुकी थी, जिसकी वजह से नया बिजनेस शुरू करने में उन्हें दिक्कतें आ रही थीं। ऐसे वक्त में उनके दोस्त आगे आए और उनकी वित्तीय सहायता की।

नुकसान पर भी नहीं हारी हिम्मत

उन्होंने बताया कि नया बिजनेस शुरू करने के बाद रोज नई-नई चुनौतियां उनके सामने आई। फूड फील्ड की नॉलेज न होने की वजह से उन्हें इनकम से ज्यादा नुकसान हुआ। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, जिसके बाद धीरे-धीरे फूड फील्ड में उनके कदम स्थापित होने लगे।

दूसरों को भी दिया रोजगार

उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे कॉफी शॉप के सेटल होने के बाद उन्होंने जरूरतमंदों को रोजगार भी देने की ठानी। इस समय उनकी शॉप में एक महिला समेत दो लोग बतौर इम्प्लाई काम कर रहे हैं। दोनों को टाइम से सैलरी भी देते हैं।

परिवार ने दिया पूरा सहयोग

मूल रूप से बस्ती के रहने वाले नरेंद्र ने बताया कि परिवार ने भी उनका संकट के समय साथ दिया। कॉफी शॉप स्थापित करने के दौरान उनके पिता की भी तबीयत भी खराब हुई लेकिन उनके हौंसले पस्त नहीं हुए।

दृढ़ निश्चत की जरूरत

नरेंद्र ने बताया कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों, हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। अगर मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो सफलता जरूर मिलती है। उनका यह भी कहना है कि जीवन में आने वाली चुनौतियों को हमेशा हंसकर स्वागत करना चाहिए।