लखनऊ (ब्यूरो)। शिवरी प्लांट में लगे वेस्ट के ढेरों को समाप्त करने की कवायद एक बार फिर शुरू कर दी गई है। खास बात यह है कि इस बार छह माह का टारगेट रखा गया है। इस समयावधि के अंतर्गत प्लांट को पूरी तरह से वेस्ट फ्री करने के साथ ही शत प्रतिशत वेस्ट की प्रोसेसिंग की जानी है। अगर यह कवायद सफल हुई तो इसका सीधा फायदा स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा में देखने को मिल सकता है। अभी तक की सर्वेक्षण परीक्षाओं में नगर निगम लखनऊ को शिवरी प्लांट में लगे लाखों मीट्रिक टन वेस्ट के ढेर के कारण अंकों का नुकसान उठाना पड़ता है, जिसकी वजह से राजधानी की रैैंकिंग पर असर पड़ता है।

अपर नगर आयुक्त को जिम्मेदारी

नगर आयुक्त की ओर से अपर नगर आयुक्त डॉ। अरविंद राव को शिवरी प्लांट की पूरी जिम्मेदारी दी गई है। अपर नगर आयुक्त की ओर से पहले तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नियमित रूप से प्लांट में पहुंचने वाले वेस्ट की प्रोसेसिंग हो साथ ही जो पहले से ही लाखों मीट्रिक टन वेस्ट के ढेर लगे हुए हैैं, उन्हें भी धीरे-धीरे समाप्त किया जाए।

मशीनों का प्रॉपर मेंटीनेंस नहीं

शिवरी प्लांट में वेस्ट प्रोसेसिंग के लिए दर्जनों मशीनें लगी हुई हैैं। पिछले कुछ समय से कई मशीनें काम नहीं कर रहीं थीं। जिसकी वजह से शहर से रोज पहुंच रहे वेस्ट को भी प्रोसेस नहीं किया जा रहा था। परिणामस्वरूप प्लांट में वेस्ट का ढेर बढ़ता जा रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम प्रशासन की ओर से पहले चरण में एक दर्जन मशीनों का मेंटीनेंस कराया गया है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैैं। मशीनों के मेंटीनेंस के बाद 400 मीट्रिक टन के आसपास वेस्ट नियमित रूप से निस्तारित किया जाने लगा है।

नियमित रूप से बन रही रिपोर्ट

शिवरी प्लांट में रोजाना कितना वेस्ट आ रहा है और कितना प्रोसेस किया जा रहा है, इसकी भी अलग से रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। यह रिपोर्ट सीधे नगर आयुक्त के पास भेजी जाएगी। इसके साथ ही वेस्ट कलेक्शन गाडिय़ों का वेट भी लिया जा रहा है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि नियमित रूप से राजधानी से कितना वेस्ट शिवरी प्लांट पहुंच रहा है। इसमें ग्रीन वेस्ट को भी शामिल किया गया है।

छह माह का लक्ष्य

निगम प्रशासन की ओर से छह माह के अंदर शत प्रतिशत वेस्ट प्रोसेस किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन पर भी फोकस किया गया है। निगम प्रशासन की ओर से टीमों को निर्देश दिए गए हैैं कि रोजाना कितने घरों से वेस्ट कलेक्ट किया जा रहा है और कितना वेस्ट शिवरी प्लांट जा रहा है। इसको लेकर भी नियमित रूप से नगर आयुक्त स्तर से समीक्षा की जाएगी। वहीं, यह भी साफ हो जाएगा कि वेस्ट के ढेरों को शिवरी प्लांट पहुंचाने में कोई लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है। निगम प्रशासन की माने तो शिवरी प्लांट में कुछ टेक्निल वर्क भी कराए जाएंगे। इसके साथ ही मैन पावर इत्यादि को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा।

डीएम को कराया अवगत

ईकोग्रीन की कार्यप्रणाली को लेकर नगर आयुक्त की ओर से डीएम (प्रशासक) को अवगत करा दिया गया है। पूरी संभावना है कि दो से तीन दिन के अंदर डीएम की ओर से इस बिंदु को लेकर बैठक की जाएगी। इससे पहले भी नगर आयुक्त की ओर से ईकोग्रीन की कार्यप्रणाली को लेकर शासन को पत्र लिखा जा चुका है। हालांकि, अभी शासन की ओर से कोई दिशा निर्देश नहीं आए हैैं। वर्तमान समय में नगर निगम की ओर से ही वेस्ट कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है।

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मैच को नगर निगम ने बनाया जीरो वेस्ट

इकाना में सोमवार को भारत न्यूजीलैैंड के बीच खेले गए मैच को नगर निगम ने जीरो वेस्ट मैच बनाया। मैच को देखने आए दर्शकों में पर्यावरण एवं स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन का उपयोग न करने के लिए जागरूकता संदेश लगाये गए थे। टीम इंडिया और टीम न्यूजीलैंड के स्टैंड के पास ही जीरो वेस्ट इवेंट से जुड़े सेल्फी कटआउट लगाए गए। आयोजन को जीरो वेस्ट बनाने के लिए मैच के दौरान उत्सर्जित सूखे कचरे को ग्यारह प्रकार से अलग-अलग करने के बाद रिसाइकिलिंग को भेजा गया। गीले कचरे को आर्गेनिक वेस्ट कन्र्वटर से प्रसंस्करण किया जाएगा।