लखनऊ (ब्यूरो)। बार-बार गर्भपात महिला की सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल कर इस खतरे से आसानी से बचा जा सकता है। अनचाहे गर्भ के ठहरने के बाद लोग बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खाते हैं। ऐसे में पूरी तरह से गर्भपात नहीं हो पाता। ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इनका प्रभाव भविष्य में होने वाली प्रेग्नेंसी पर भी पड़ता है। यह जानकारी डॉ। पारुल गुप्ता ने यूपीकॉन के समापन कार्यक्रम के दौरान दी। इस दौरान 600 से अधिक स्टाफ नर्स को सामान्य प्रसव के लिए प्रशिक्षित किया गया।

प्रसव के बाद रक्तस्राव गंभीर

फॉग्सी की जनरल सेक्रेटरी डॉ। माधुरी पाटिल ने बताया कि प्रसव के दौरान या बाद में रक्तस्राव से महिलाओं की जान जोखिम में पड़ सकती है। इसे पोस्ट पार्टम हेमरेज (पीपीएच) कहते हैं। यह प्रसव के बाद 12 सप्ताह तक हो सकता है। इसके अधिकतर मामले सिजेरियन डिलीवरी में देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि भारत में हर 10 हजार में से 100 महिलाओं में डिलीवरी के दौरान या बाद में पीपीएच की समस्या होती है। चिंता की बात यह है कि पीपीएच के लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं। प्रमुख लक्षण अधिक रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में गिरावट, धड़कन का बढऩा व हीमोग्लोबिन में कमी हो सकती है। समय पर लक्षणों की पहचान कर प्रसूता को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।

पोषण युक्त भोजन बेहद जरूरी

सचिव डॉ। प्रीति कुमार ने बताया कि भोजन में दाल, चावल व रोटी खाएं। साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ विटामिन और आहारीय फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपको कब्ज से बचाते हैं। साबुत अनाज से बने उत्पादों का चयन करें। इसमें ब्राउन राइस और आटे की ब्रेड फायदेमंद है। गहरे हरे रंग की सब्जियां फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से भ्रूण को न्यूरल ट्यूब दोष से प्रभावित होने से बचाता है।