लखनऊ (ब्यूरो)। तीन दिनों तक लखनऊ के लामार्टिनियर ब्वायज कॉलेज के ग्राउंड पर चले सांस्कृतिक उत्सव रेपर्टवा का रविवार को समापन हो गया। रविवार को जहां लामार्ट्स के फेयरीडेल ग्राउंड पर लेखक दिव्य प्रकाश दुबे के किस्सों ने मनमोहा, तो वेन चाय मेट टोस्ट बैंड के गीतों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं, विनय कुमार निर्देशित नाटक भूमि ने सबको संजीदा कर दिया। महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा पर आधारित इस नाटक में उठे सवालों से दर्शक सोचने को मजबूर हो गए। रात में मशहूर स्टैडअप कॉमेडियन जाकिर खान के चुटीले अंदाज ने जहां लोगों को हंसाया, तो वहीं उनके भावों और तंज ने लोगों को स्तब्ध भी किया।

मीट द कास्ट का हुआ आयोजन

साहित्य उत्सव की शुरुआत टीवी होस्ट और अभिनेता रोशन अब्बास के साथ थिटेयर से जुड़ी निमी रफेल, लेखक और स्टोरीटेलर दिव्य प्रकाश दुबे और अपनी शायरी, सूफी संगीत मोहम्मद मुनीम के साथ संवाद से हुई। रोशन ने बताया कि बनारस से ताल्लुक रखने वाले दिव्य प्रकाश दुबे अपने कहानी सुनाने के अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वहीं, मुनीम के गीत युवाओं में काफी पसंद किए जाते हैं। वहीं, लेखक दिव्य प्रकाश दुबे ने अपने स्कूल में हुई पैरेंट टीचर मीटिंग की कहानी सुनाते हुए बताया कि जब वह स्कूल में पढ़ते थे तो उनके पिता का इश्क कैसे स्कूल टीचर के साथ परवान चढ़ा। उनके कुछ नंबर जब कम हो गए थे पिता टीचर से बात करने गए थे, पर स्कूल पहुंचते ही वह सब भूल गए। इसके बाद शेरो शायरी, सूफी और परंपरागत संगीत के जरिए मुनीम ने अपने अंदाज से सबको झुमाया। मुनीम ने तेरी आंखों में वो सपना देखा, उम्मीद है यकीन है, तू आज भी करीब है, कुछ तो वक्त रहम करें आदि गीत सुनाए।

वेन चाय मेट टोस्ट ने सबको झुमाया

केरल से ताल्लुक रखने वाले बैंड वेन चाय मेट टोस्ट के गीतों ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। गायक अश्विन गोपा कुमार ने अपने गीतों से समां बांधा। बैंड के गीतों ज्वाय आफ लिटिल थिंग्स और वेन वी फील यंग पर दर्शक झूमते नजर आए। इसके साथ ही ब्यूटीफुल वर्ड, फायर फ्लाय और खोज गीतों पर भी सब नाचते दिखाई पड़े। लोगों ने बीच-बीच में हो रही आतिशबाजी का भी आनंद लिया।

नाटक में दिखा महिला का संघर्ष

रंगमंच उत्सव में विनय कुमार के निर्देशन में भूमि नाटक का प्रदर्शन हुआ। नाटक भूमि में महिला के खिलाफ हो रही हिंसा को प्रस्तुत किया गया है। इसमें इतिहास और समकालीन दुनिया के बीच समानताएं खींचने के लिए अतीत की गहराई में उतरती है। रेपर्टवा के संस्थापक भूपेश राय ने आयोजन की सफलता के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।