लखनऊ (ब्यूरो)। दिसंबर की गुनगुनी धूप में साहित्यिक चर्चाओं से लामार्टिनियर कॉलेज का फेयरडेल ग्राउंड गुलजार हो गया। शुक्रवार को थिएटर, म्युजिक, लिट्रेचर और कॉमेडी के तड़के से रेपर्टवा के 11वें सीजन की शुरुआत हुई। पहले दिन जहां सुबह गुनगुनी धूप में साहित्यिक चर्चाओं के साथ गिटार की धुन पर गोपाल दत्त और टीम की परफॉर्मेंस ने लोगों को गुदगुदाया। वहीं, सर्द शाम को हर्ष गुजराल की कॉमेडी ने लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। बागी अलबेले नाटक की दास्तान से लोगों को सही और गलत के फर्क को सटायर की तर्ज पर सोचने पर विवश किया। पहले दिन का खास आकर्षण परवाज बैंड की परफॉर्मेंस रही।

चांद पर चाय पिलाऊं, जूपिटर पर जूस

मशहूर अभिनेता गोपाल दत्त ने रेपर्टवा के पहले दिन शो और करो थिएटर में चार चांद लगा दिए। एक तरफ उनके शेरों और गीतों ने जहां दर्शकों का खूब मनोरंजन किया वहीं, बीच बीच में उनके पंच ने लोगों को खूब हंसाया भी। आदत है हमको, जैसे हैं वैसे ही होने की आदत है हमको, 30 साल उम्र हो गई, टूटी टूटी कमर हो गई, न नौकरी न छोकरी न गाड़ी न घर और करो थिएटर, गुरुजी आप तोप मैं गोला, आप सामान मैं झोला, हो सकता है तेरे लिए जो प्यार हो मेरे लिए बेकार हो, इस इश्क से मौला दुश्मन को बचाना पर खूब तालियां बटोरीं। वहीं नाजुकी तो देखिए कि होंठ नीले पड़ गए और हमने तो बोसा लिया था ख्वाब में तस्वीर का शेर के जरिए लखनऊ की नजाकत को भी दर्शाया।

परवान चढ़ा परवाज का संगीत उत्सव

पहला दिन परवाज बैंड के नाम रहा। शुक्रवार की रात परवाज बैंड के सुरों के बीच हुई। बड़ी संख्या में संगीत प्रेमियों के बीच परवाज बैंड के कलाकारों मीर कासिफ इकबाल, खालिद परवेज, सचिन, फिदेल डी-सूजा, राहुल रंगनाथन ने पाश्चात्य, भारतीय, लोक संगीत का जहां सुंदर सम्मिश्रण किया वहीं इसमें कश्मीरी और उर्दू शायरी को गीतों के तौर किया गया था। बैंड ने कलर वाइट, बेपरवाह, अब की है सुबह जैसे गीतों से समां बांध दिया।

नाटक बागी अलबेले में दिखी व्यंग्यपूर्ण कॉमेडी

अतुल कुमार द्वारा निर्देशित नाटक बागी अलबेले को भी दर्शकों का खूब प्यार मिला। निक व्हिटबी के नाटक टू बी ऑर टू बी नॉट से रूपांतरित नाजी समय पर आधारित इस नाटक में सत्ता द्वारा रंगकर्मियों, लेखकों, रचनाकारों पर लगाये जा रहे प्रतिबंध और उस प्रतिबंध का रंगकर्मियों द्वारा प्रतिकार को बेहद मनोरंजक लेकिन करारे व्यंग्य के साथ अभिव्यक्त किया गया। इस नाटक के जरिए आसपास घट रही बातों को सही और गलत के भेद को समझाने का प्रयास किया गया। नाटक का गहन कथानक कलाकारों और बुद्धिजीवियों के संघर्ष और कला व कलाकारों की प्रासंगिकता की पड़ताल करता है।

मीट द कास्ट में दिखे चर्चित शख्सियतों के विचार

कार्यक्रम की शुरुआत मीट द कास्ट के संवाद से हुई। अपने लेखन के लिए चर्चित स्टोरीटेलर, लेखक, ब्लागर और टेड एक्स स्पीकर केना श्री ने पहले दिन की शुरुआत की और रेपर्टवा में आए हुए कलाकारों और अतिथियों से सबका परिचय कराया। केना श्री ने लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत करते हुए लखनऊ से अपने प्यार का इजहार किया और बातचीत की शुरुआत इश्क की दास्तान सुनाते हुए की। केना श्री ने कहा कि मोहब्बत से सब कुछ जमाने में है।

हर्ष गुजराल की कॉमेडी में खूब लगे ठहाके

हास्य उत्सव में हर्ष गुजराल ने कनपुरिया और लखनऊवा अंदाज में सबको हंसाते हुए लोटपोट कर दिया। उन्होंने दशर्कों से सीधे बातचीत की और बीच बीच में उन्हें हंसाते भी रहे। हर्ष गुजराल ने बातों बातों में फेमिनिस्म, यूपी के लड़कों, रिलेशनशिप्स, फॉरेन कल्चर, हैलोइन पर अपनी कॉमिक टाइमिंग से सबको हंसने पर मजबूर कर दिया।

आज ये होंगे कार्यक्रम

साहित्य उत्सव-इस सत्र को मशहूर टीवी शो होस्ट, लेखक अभिनेता और निर्देशक रोशन अब्बास संचालित करेंगे। इसमें अलग-अलग विधाओं के कलाकारों, लेखकों से भी संवाद किया जा सकेगा। इनमें गोल्डन जुबिली नाटक के निर्देशक सौरभ नय्यर, स्टैंडअप कामेडियन बिस्वा कल्याण रथ से भी दर्शक बातचीत कर सकेंगे।

हास्य उत्सव (शाम 4 बजे से)-स्टैंडअप कामेडियन बिस्वा कल्याण रथ दर्शकों से रूबरू होंगे।

नाट्य उत्सव (5.30 बजे)-सौरभ नय्यर द्वारा निर्देशित गोल्डन जुबली का मंचन। यह नाटक सत्तर के दशक के हिंदी सिनेमा पर परसाई के व्यंग का मंच रूपांतरण है।

संगीत उत्सव (शाम 7 बजे)-ऋ त्विज बैंड के सुरों से सजेगी शाम।