लखनऊ (ब्यूरो)। जितिन प्रसाद ने कहा कि सौ लाख करोड़ की यह योजना भारत के विकास के नए अध्याय का उदय करेगी। उन्होंने कहा कि आज सीमित विधार्थियों को लैपटॉप मिल रहा है। जिन स्टूडेंट्स को आज लैपटॉप नहीं मिल रहा है वह परेशान न हों। प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश के सभी स्टूडेंट्स को टैबलेट प्रदान करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री और एकेडमिया कनेक्ट को बढ़ाया जायेगा। स्टूडेंट सेंट्रिक पॉलिसी बनाने के लिए कार्य और तेज किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह प्रदेश के सभी टेक्निकल संस्थानों में जा कर शिक्षकों और स्टूडेंट्स की समस्याओं को सुनकर उनका निदान करेंगे।

निजी संस्थाओं को स्वायत्ता प्रदान किया जाएगा

एकेटीयू वीसी प्रो। विनीत कंसल ने बताया कि प्राविधिक शिक्षा के कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों व स्टूडेंट्स के उत्थान एवं पुनर्वास को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि एकेटीयू रिसर्च व इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। प्राविधिक शिक्षा सचिव अलोक कुमार ने कहा कि जल्द ही यूनिवर्सिटी में इन्क्यूबेशन हब की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में प्राविधिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए एसआईआरएफ रैंकिंग फ्रेमवर्क की शुरुआत की जाएगी। इस रैंकिंग फ्रेमवर्क में समस्त सम्बद्ध संस्थानों को हिस्सा लेना अनिवार्य होगा।

इन संस्थानों का हुआ सम्मान

नेशनल इंस्टीट्यूटशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क एनआईआरएफ में स्थान पाने वाले यूनिवर्सिटी के 6 सम्बद्ध संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इन छह संस्थानों में नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी फार्मेसी, केआईईटी, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज, व जेएसएस एकेडेमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशनए नोएडा शामिल हैं। इसके अलावा कोविड-19 महामारी में अपने अभिभावकों को खोने वाले 467 स्टूडेंट्स एक।एक लाख की आर्थिक सहायता दी गई। इसी तरह 18 शिक्षकों के परिवारीजनों को पांच-पांच लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।