लखनऊ (ब्यूरो)। पुलिस के तमाम दावों के बावजूद शहर में चेन स्नैचिंग की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बार बाइक सवार लुटेरों ने इंदिरानगर सेक्टर-डी में एक महिला को धक्का देकर उसकी दो तोले सोने की चेन लूटकर फरार हो गए। घटना में महिला के गले पर गंभीर चोटें भी आई हैं। आरोपियों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया, जब महिला अपनी बहन के साथ मार्केट से सामान लेकर वापस घर लौट रही थी। इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें आरोपियों की हरकत कैद हो गई है। गाजीपुर थाना पुलिस सीसीटीवी के आधार पर आरोपियों की पहचान में जुट गई है।

मार्केट से लेने गई थीं सामान

वारदात गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे की है। एडवोकेट अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह इंदिरानगर सेक्टर-डी में रहते हैं। दोपहर को उनके छोटे भाई की पत्नी प्रीती श्रीवास्तव (56) पास में स्थित मार्केट से किचन का सामान लेने गई थीं। इस दौरान प्रीती की बहन भी साथ थी। सामान लेकर वापस लौटते वक्त जब वह घर के पास स्थित डायग्नो स्कैन सेंटर के सामने पहुुंचीं, तो एक युवक ने उनको धक्का देकर गले से उनकी सोने की चेन झपट ली। चेन में गणेश जी का लॉकेट भी था। इतना ही नहीं, जब इसका विरोध किया गया, तो आरोपी युवक धमकी देते हुए अपने दूसरे साथी संग बाइक से फरार हो गया। प्रीती के गले पर चोट भी आई है।

पीडि़ता की जुबानी

वारदात के बाद आसपास के लोग वहां जमा हो गए। जिसके बाद इस घटना की सूचना परिजन और पुलिस वालों को दी गई। सूचना पर पहुुुंची पुलिस ने पीडि़ता का बयान दर्ज किया। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि जैसे ही वे घर की तरफ मुडऩे लगीं, तभी एक युवक ने उनके गले से चेन झपटते हुए उन्हें जमीन पर धक्का दिया, जिससे वह नीचे गिर गईं। वह कुछ समझ पातीं इससे पहले उनके गले से चेन टूट चुकी थी, जो तकरीबन दो तोले की थी। इस घटना के बाद वह काफी सहम गई। चीखने चिल्लाने के बावजूद आरोपी नहीं रुके और फरार हो गए।

एक लुटेरे ने पहना था हेलमेट

पीडि़ता के बयान के बाद पुलिस घटनास्थल और आसपास के एरिया में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया। जिसमें मुंशी पुलिस स्थित एनएचआई के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में आरोपी था। पुलिस की जांच में सामने आया कि बाइक चलाने वाला लुटेरा हेलमेट पहना हुआ था, जबकि दूसरा साथी उसके पीछे बैठा था। बहरहाल, पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाइक नंबर और आरोपियों की पहचान करने में जुट गई है। गाजीपुर थाना प्रभारी विकास राय ने बताया कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

कागजों तक सीमित रणनीति

शहर में आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए हर जोन में स्पेशल क्राइम टीम के साथ सर्विलांस टीम भी तैनात रहती है। इसके अलावा जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन्हीं कैमरों की वजह से पुलिस ने कई बार बड़ी-बड़ी वारदातों का खुलासा भी किया है, लेकिन स्नैचिंग की वारदातों की बात करें तो इस पर लगाम लगाना मुश्किल साबित हो रहा है। ऐसे में अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए मुखबिर तंत्र, गोपनीयता और बीट व्यवस्था महज कागजों तक सीमित रह गई है। जिस वजह से स्नैचरों के आगे पुलिस की रणनीति पूरी तरह से फेल साबित हो रही है।

शहर से बाहर भाग जाते हैं अपराधी

बताते चलें कि क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने कई योजनाएं लागू की थीं। जिन्हें कुछ दिनों तक तो बाखूबी से चलाया गया, लेकिन बाद में वह हवाहवाई हो गया। अधिकारी बदलते गए और व्यवस्था खत्म होती गई। स्नैचरों के गिरफ्त में न आने कारण पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल यूज न करने और चेहरे छिपाने की वजह स्नैचर्स अक्सर पुलिस की पकड़ में नहीं आते हैं। साथ ही वारदात के बाद यह आसपास के जिलों में अपना ठिकाना बना लेते हैं।

ये बनी थी खास रणनीति

- वर्ष 2020 में मार्निंग वॉकर के साथ क्राइम को रोकने के लिए नमस्ते लखनऊ स्कीम चलाई थी। इसमें पुलिस पार्कों में जाकर मार्निंग वॉकर्स से मिलती थी और रजिस्टर में उनका नाम व पता दर्ज करती थी, लेकिन अब यह सिर्फ कागजों पर है।

- वर्ष 2018 में स्नैचर्स वैरीफिकेशन स्कीम शुरू की गई थी। करीब 450 स्नैचर्स को जेल भेजा गया, पुलिस उनके ऊपर लगातार नजर भी रख रही थी, लेकिन अब यह स्कीम खत्म हो गई।

आंकड़ों से समझें

वर्ष वारदात

2020 66

2021 41

2022 30

2023 36