लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से मंगलवार को पहली राज्य स्तरीय साइंस मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया। इस दौरान कार्यक्रम में शामिल हुए मॉडल्स में स्टूडेंट्स ने एआई, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, आईओटी, एक्वाफोनिक्स, सेंसर तक्नीक जैसे नए विषयों पर अपने मॉडल बनाएं।

ऑटोमेटिक डस्टबिन से पहुंचेगा डीएम को मैसेज
हीरालाल राम निवास इंटर कॉलेज, बस्ती के 12वीं के स्टूडेंट प्रियांशु वर्मा ने ऑटोमेटिक क्लीनिंग डस्टबिन का मॉडल बनाया। इस मॉडल में उन्होंने (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आईओटी का इस्तेमाल किया है। प्रियांशु बताते हैं कि इस डस्टबिन में अल्ट्रासोनिक सेंसर लगे हैं। जैसे ही डस्टबिन कूड़े से 75 फीसदी भरने लगेगा, एक मैसेज क्लर्क के पास चला जाएगा, जो एक वार्निर्ंग साइन होगा कि डस्टबिन को खाली कर दिया जाए। अगर मैसेज पर कोई कार्यवाही नहीं होगी तो चार घंटे के अंतराल पर यही मैसेज एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के मोबाइल फोन में चला जाएगा। वहां पर भी जवाब न मिलने पर मैसेज जिले के सबसे बड़े अधिकारी के मोबाइल पर आएगा, ताकि तुरंत डस्टबिन से कूड़ा हटाया जा सके। शहरों में कूड़ा उठान और गंदगी की समस्या को देखते हुए ही यह मॉडल बनाने पर विचार किया।

सुनसान जगह गाड़ी टकराई, तो मिलेगा इलाज
संतकबीर नगर के 12वीं के स्टूडेंट रोहन कश्यप ने एक ऐसा मॉडल बनाया है जिससे सुनसान जगह होने वाले एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकेगी। रोहन ने बताया कि यह मॉडल भी आईओटी बेस्ड है। मॉडल में एक ऐसा डिवाइस है जो जीएसएम मॉड्यूल पर काम करेगा। ऐसे में जैसे ही कोई कार सुनसान इलाके में किसी पेड़ से टकरा जाती है या कोई एक्सीडेंट होता है, जहां से घायल का इलाज मुमकिन नहीं है, वहां से इस डिवाइस के जरिए मैसेज नजदीकी हॉस्पिटल व पुलिस स्टेशन के पास चला जाएगा और उसकी जान बचाई जा सकेगी।

एक सुई में आठ देशों का वक्त
गोमती नगर के वास्तु खंड में किराए के मकान में रहने वाले अनिल साहू सब्जी बेचते हैं। वह हाई स्कूल फेल हैं, लेकिन अखबार पढ़ने के शौकीन और नई बातों को जानने के इच्छुक रहते हैं। इसी के चलते इन्होंने एक ऐसी घड़ी बना डाली जिसमें मात्र एक सुई से ही भारत समेत आठ देशों का समय पता चल सकता है। इसको इन्होंने विश्व घड़ी नाम दिया है और इसका पेटेंट भी करवा लिया है। विश्व भर में इस तरह की यह अपने आप में पहली घड़ी है। इसमें भारत से शुरू कर चीन, जापान के टोक्यो, रूस के मास्को, यूएई के दुबई, मेक्सिको और न्यूयार्क और वाशिंगटन डीसी का समय पता चलता है। घड़ी के बीच में सेकंड की सुई है, जिसमें भारत का झंडा लगाया गया है। आम जनमानस के लिए यह घड़ी महज 1600 से 2100 रुपए में ही वह उपलब्ध करवा सकते हैं।

डाक्टर के बजाय रोबोट बताएगा हार्ट रेट
प्रयागराज स्थित सीएबी इंटर कालेज के 11वीं के छात्र अंश मिश्रा ने सेमी ह्युमनाइड रोबोट बनाया है। इसे आवाज से ही कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा एक उंगली के स्पर्श से ही या शरीर का तापमान और हृदयगति मात्र एक सेकंड में बता सकता है। इसे इंटरनेट से भी जोड़ा गया है। इसके सिर पर बनाए गए चेहरे नुमा आकार में कैमरा लगाया गया है, जो सामने आने वाली हर वस्तु को पहचान कर बता सकता है। अंश बताते हैं कि वह अभी इसे और बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। आगे चलकर इसमें व्यक्ति की आवाज और चेहरे के भाव पढ़ कर ही उनके अंदर चल रही भावनाओं का पता लगाने की विशेषता भी जोड़ी जाएगी। इसे बनाने में 30 हजार रुपये की लागत आई है।

इनके मॉडलों को चुना गया
कार्यक्रम में 9 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स शामिल रहे। इनके मॉडलों में पहला पुस्कार सेफ एंड सिक्योर स्मार्ट स्कूल बस मॉडल बनाने वाली छात्रा अनन्या राय, सलवान पब्लिक स्कूल गाजियाबाद, दूसरा पुरस्कार सेमी ह्युमनाइड रोबोट बनाने वाले प्रयागराज के छात्र अंश मिश्रा और तीसरा पुरस्कार सोलर एनर्जी मॉडल बनाने वाली सहारनपुर की छात्रा अनिका को मिला। सांत्वना पुरस्कार सत्यम के रिवर क्लियर, डीपी सिंह के पॉलीथीन रिमूवर, श्रद्धा के गर्ल्स प्रॉटेक्टर, कार्तिकेय के स्मार्ट हेलमेट और एग्रोबोट के प्रशांत को मिला। पहले पुरस्कार के लिए 25 हजार, दूसरे पुरस्कार के लिए 20 हजार और तीसरे पुरस्कार के 15 हजार का पुरस्कार मिला। वहीं सांत्वना पुरस्कार के लिए स्टूडेंट्स को 5000 रुपये मिले। वहीं, इंजीनियरिंग मॉडल के विजेता ईको एंड ट्रॉनिक एमआईसी 1 ई-साइकिल मॉडल के यूनाइटेड कॉलेज इंजीनियरिंग एंड रिसर्च नैनी के आयुष कुमार तिवारी को पहला पुरस्कार मिला। इनको पुरस्कार की राशि 25 हजार रुपये है। इसके अलावा राजकुमार मिश्रा गोंडा के कबाड़ में रखी बोलेरो पर धान कूटने की मशीन, दूसरे स्थान पर यशकेंद्र सिंह अमेठी के पावर ट्रिलर, तीसरा पुरस्कार मिर्जापुर के रोहित मिश्रा के बायोगैस प्लांट में नवप्रवर्तन को मिला।

कार्यक्रम में रहे मौजूद
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय रहे। उन्होंने सभी के मॉडल्स की तारीफ की। वहीं, कार्यक्रम में आईएएस व परिषद के विशेष सचिव शिव प्रसाद, परिषद के निदेशक अनिल यादव, संयुक्त निदेशक हुमा मुस्तफा, डॉ। डीके श्रीवास्तव, पूजा यादव, राजेश कुमार गंगवार, राधेलाल समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।