लखनऊ (ब्यूरो)। परिवहन विभाग का ऑनलाइन सर्वर कभी स्लो रहता, तो कभी पूरी तरह ठप हो जाता है, जिसके चलते अपना कीमती समय और पैसा खर्च कर आरटीओ कार्यालय पहुंचने वाले आवेदकों काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सर्वर में गड़बड़ी के कारण अकसर उनका काम हो नहीं पाता और उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। सर्वर की समस्या यहां बीते कई माह से बनी हुई है, पर इसके बावजूद अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सोमवार को भी सर्वर ने दिया धोखा

सोमवार को भी सर्वर ने धोखा दे दिया, जिसकी वजह से आवेदकों के सभी काम ठप हो गये। करीब 1 घंटे बाद सर्वर दोबारा शुरू हुआ, पर स्लो होने के कारण काम प्रभावित रहा। बाद में सर्वर सामान्य होने पर काम सुचारू रूप से शुरू हो सका, जिसके बाद आवेदकों ने राहत की सांस ली।

अकसर सर्वर सुस्त या ठप रहता है

बीते छह माह की बात की जाए तो करीब 130 से अधिक बार आरटीओ में सर्वर ठप या स्लो चलने की समस्या सामने आ चुकी है। जिसकी वजह से करी 50 हजार से अधिक आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। लोग यहां गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर, डीएल आदि बनवाने के लिए आते हैं, पर जब काउंटर पर पहुंचते हैं तो कर्मचारी आवेदकों को यह कहकर टरका देते हैं कि सर्वर ठीक नहीं है। ठीक होने पर काम किया जाएगा। उनको यहां-वहां भटकना पड़ता है। सर्वर की समस्या के चलते अबतक करीब 4 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन लंबित चल रहे हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि डीएल के कार्य लंबित नहीं हैं।

इन कामों पर पड़ता है बुरा असर

आरटीओ कार्यालय में सर्वर ठप होने से ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित 10 और वाहनों से संबंधित 15 तरह के काम प्रभावित होते हैं। इसमें आरसी जारी करवाना, ट्रांसफर, रिन्यूवल, एनओसी, बैंक लोन हटवाना आदि काम प्रमुख हैं। इसके अलावा, परमानेंट लाइसेंस व रिन्यूवल, नाम या पता बदलवाना आदि कामों पर असर पड़ता है।

क्या बोले आवेदक

यहां आया तो पता चला कि सर्वर ठप है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। पहले भी यह समस्या झेल चुका हूं। अधिकारियों को यह समस्या दूर रहनी चाहिए।

-अतुल

पिता के साथ काम से आया था। पता चला कि सर्वर काम नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से बैठना पड़ रहा है। काफी समय बर्बाद हो रहा है। विभाग को इसपर ध्यान देना चाहिए।

-संकेत

क्या बोले अधिकारी

सर्वर में दिक्कत की समस्या को लेकर मुख्यालय को अवगत कराया जा चुका है। सर्वर आते ही दोबारा काम चालू कर दिया जाता है। जल्द ही सभी पेंडिंग काम खत्म कर दिए जायेंगे।

-अखिलेश द्विवेदी, एआरटीओ, प्रशासन