लखनऊ (ब्यूरो)। नए दांत बनाने के लिए अब एक एडवांस डिजिटल एप्लीकेशन आ गई है, जिसकी मदद से कई दिनों का काम अब एक दिन में हो जाता है, क्योंकि दांतों की नाप लेने के लिए मुंह के अंदर एक डिवाइस डाली जाती है। जिस तरह मोबाइल से फोटो ली जाती है, उसी तरह डिवाइस मुंह के अंदर की नाप लेकर कम्प्यूटर में फीड करता है। कम्प्यूटर एडेड मशीन की मदद से दो तीन घंटे में पूरा डेंचर बन जाता है। इससे समय की काफी बचत होती है। यह जानकारी गाजियाबाद से आई डॉ। लीना तोमर ने केजीएमयू के डेंटल विंग के प्रोस्थोडॉन्टिक्स सम्मेलन के समापन के दौरान बताई।

एक्यूरेसी संग समय की बचत

आयोजन के सचिव प्रो। पूरन चंद ने बताया कि संस्थान में अब कम्प्यूटर बेस्ड दांत बनाने का काम किया जा रहा है। हालांकि, यह बेहद छोटे स्तर पर किराए की मशीन के द्वारा किया जा रहा है। पर अब यूनिवर्सिटी के स्तर पर प्रपोजल बनाकर भेजा गया है। अभी ट्रायल का काम किया जा रहा है। पूरा प्रोजक्ट करीब 1 करोड़ का है। इस मशीन के लगने से समय बचेगा और एक्यूरेसी मिलेगी, क्योंकि दांतों से डेंचर बनाने में काफी मेहनत और 10-15 दिनों तक का समय लगता है। इसके अलावा एक्यूरेसी भी उतनी अच्छी नहीं आती है। इस स्कैन और मशीन की मदद से एक्यूरेट मैपिंग के साथ सही दांत बनेगा। जिससे 15 दिनों में होने वाला काम अब 1-2 दिन में हो जायेगा। मशीन विभाग में लगने से मरीजों को बड़ा फायदा मिलेगा।

परफेक्ट बनेंगे दांत

गेस्ट स्पीकर डॉ। सारा कादरी ने बताया कि डेंटल साइंस में अब काफी एडवांसमेंट आ चुका है। अब परफेक्ट दांत बनाने के लिए टी स्कैन डिवाइस से मैपिंग करते हैं, जो एक साफ्टवेयर पर काम करता है। जिससे दांतों का सही आकार, आपस में तालमेल और असली दांतों जैसा दबाव आदि जैसा काम आसानी के साथ किया जा सकता है। इससे मरीजों को बार-बार डॉक्टर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।