लखनऊ (ब्यूरो)। ब्लड प्रेशर की समस्या अब कम उम्र के बच्चों में भी हो रही है, जिसे देखकर डॉक्टर्स भी हैरान हैं। केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग द्वारा राजधानी के 15 स्कूलों में एक हेल्थ सर्वे कराया गया था, जिसमें करीब पांच फीसदी बच्चों में ब्लड प्रेशर की समस्या देखने को मिली। इस सर्वे में करीब 5000 बच्चों के ब्लड प्रेशर की जांच की गई थी। इन बच्चों की उम्र 12 से 20 साल के बीच थी। इसमें कॉल्विन तालुकेदार, हुसैनाबाद कॉलेज, पायनियर, इंदिरानगर व पुराने लखनऊ के कई स्कूल शामिल थे। फिजियोलॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ। नरसिंह वर्मा ने बताया कि करीब पांच फीसदी बच्चों में ब्लड प्रेशर असामान्य मिला। पर इन बच्चों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं थी। इससे पहले कभी इन बच्चों ने ब्लड प्रेशर की जांच नहीं कराई थी।

चार माह से चल रहा है सर्वे

डॉ। नरसिंह वर्मा के मुताबिक, डॉ। वंदना की मदद से सर्वे का काम करीब चार माह से चल रहा है। इसमें लगातार स्कूलों में शिविर लगाकर ब्लड प्रेशर की जांच कराई जा रही है। जिन बच्चों में परेशानी मिल रही है, उन्हें इलाज कराने की सलाह दी जा रही है। बच्चों में ब्लड प्रेशर बढऩे के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें एक बड़ा कारण तनाव, पेरेंट्स की तरफ से पढ़ाई और बेहतर करियर को लेकर क्रिएट किया जाने वाला प्रेशर हो सकता है। ऐसा करना बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं होता।

बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा

डॉ। नरसिंह वर्मा के मुताबिक, ब्लड प्रेशर बढऩे से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे ब्रेन स्ट्रोक, दिल समेत शरीर के दूसरे अंगों में खून पहुंचाने वाली नसों में रुकावट संबंधी परेशानी भी बढ़ सकती है। इतना ही नहीं, किडनी की गंभीर समस्या के अलावा हार्ट फेल होने तक का खतरा बढ़ जाता है।