- स्कूल मैनेजमेंट कोई न कोई कारण बताकर रोक रहे हैं कॉशन मनी

- डीआईओएस ऑफिस पहुंची करीब दो दर्जन से अधिक शिकायतें

LUCKNOW: राजधानी में हर स्कूल में नए सेशन के शुरुआत होने के साथ डेढ़ से दो सौ नए स्टूडेंट्स का एडमिशन होता है। करीब इतने ही स्टूडेंट्स स्कूल छोड़ देते हैं। स्कूल छोड़ने के बाद स्टूडेंट्स को टीसी और कॉशन मनी स्कूल प्रशासन की ओर से वापस की जाती है। लेकिन स्कूल मैनेजमेंट टीसी तो वापस कर देते हैं, पर कॉशन मनी वापस करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। स्कूल मैनेजमेंट ज्यादातर पर पैरेंट्स पर कॉशन मनी वापस न लेने का दबाव बनाते हैं।

पैसे वापस मांगने पर बनाते हैं दबाव

कॉशन मनी के तौर पर स्कूल अपने हिसाब से हर बच्चे से कुछ पैसा जमा कराता है। यह पैसा दो हजार से पांच हजार तक होता है। यह पैसा स्कूल एक बार स्टूडेंट्स से एडमिशन के टाइम लेता है जिसे स्टूडेंट्स की पढ़ाई पूरी करने या स्कूल छोड़कर जाने की स्थिति में उसे वापस करना होता है। लेकिन राजधानी के ज्यादातर स्कूल इस मनी को वापस न करने का दबाव पैरेंट्स पर बनाते हैं। इसके लिए वह पैरेंट्स को कॉशन मनी स्कूल के डेवलपमेंट के लिए देने को कहते हैं। अगर पैरेंट्स इसका विरोध करते हैं, तो स्कूल मैनेजमेंट स्टूडेंट्स पर कुछ न कुछ आउट स्टैडिंग बताकर उस पर कुछ पैनाल्टी लगा देते हैं। इस पैनाल्टी को कॉशन मनी से वसूल करते हैं। पैरेंट्स के ज्यादा दबाव बनाने पर उसे केवल आधा पैसा ही वापस करते हैं।

कॉशन मनी वापस करना स्कूल का दायित्व

स्कूल कॉलेज में एडमिशन लेते समय जमा होने वाली कॉशन या सिक्योरिटी मनी स्कूल मैनेजमेंट को वापस करनी होती है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से जारी शासनादेश में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है। आदेश में स्पष्ट लिखा है कि कई निजी स्कूलों के खिलाफ कॉशन मनी हड़पे जाने की शिकायतें मिली हैं। जिस तरह एडमिशन के समय स्कूलों की ओर से इस धनराशि को जोर देकर पैरेंट्स से जमा कराया जाता है उसी तरह स्कूल छोड़ते समय इस मनी को ध्यान देकर वापस करने का जिम्मा भी स्कूल का है, यदि कोई पैरेंट्स इसे नहीं लेता है या स्वेच्छा से स्कूल फंड में दान करता है तो उसका भी विवरण स्कूल प्रबंधन को रखना होता है।

ऐसे ले सकते हैं कॉशन मनी

कॉशन और सिक्योरिटी मनी के लिए हर स्कूल में अलग-अलग नियम हैं। कहीं पर कॉशन मनी की रसीद और टीसी के साथ एप्लीकेशन देकर इसे लेते हैं। वहीं कुछ स्कूल केवल नाम और साल बताने के बाद स्कूल में मौजूद डाटा से मिलान करके इसे वापस कर देते हैं।

दो दर्जन से अधिक शिकायतें

कॉशन मनी वापस न करने के मामले में डीआईओएस ऑफिस में करीब दो दर्जन से अधिक शिकायतें आई हैं। जिसमें पैरेंट्स का कहना है कि स्कूलों ने जबरदस्ती कॉशन मनी का पैसा स्कूल डेवलपमेंट फंड में जमा कर लिया है। वहीं कुछ शिकायतों में कहा गया है कि स्कूल ने जान-बूझकर आधी कॉशन मनी वापस की गई है। पूछने पर स्कूल का कहना है कि आपके बच्चे ने लैब में कुछ नुकसान किया है। जिस कारण से कॉशन मनी से उसकी पैनाल्टी काटी गई है।

करीब 25 स्कूलों के खिलाफ मामले आए हैं। उन सभी को कॉशन मनी वापस कर उसकी सूचना तत्काल डीआईओएस ऑफिस को भेजने का ऑर्डर दिया गया है।

- पीसी यादव,

डीआईओएस