GORAKHPUR: डीडीयूजीयू एनुअल एग्जाम करीब है। स्टूडेंट्स के एग्जामिनेशन के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भारी विरोध के बाद हॉस्टल के ताले खोल दिए। स्टूडेंट्स ने हॉस्टल में रहना शुरू भी कर दिया, लेकिन अब उनके सामने एक नई समस्या यह आ गई है। जितने दिन एग्जामिनेशन के लिए वह हॉस्टल में रहेंगे, उन्हें कॉशन मनी जमा करना होगा। इसके लिए वार्डेन की तरफ से घोषणा पत्र भरवाया जा रहा है। इसको लेकर हॉस्टलर्स ने विरोध करना शुरू कर दिया है।

27 जुलाई से शुरू होगा एग्जाम

कोरोना पेंडमिक में डीडीयूजीयू यूजी और पीजी समेत रिसर्च स्कॉलर्स की परीक्षाएं प्रभावित हो गईं। अब यूनिवर्सिटी ने एनुअल एग्जामिनेशन 27 जुलाई से कराने की तैयारी की है। स्टूडेंट्स भी अपने एग्जामिनेशन के लिए जी जान से पढ़ाई में जुट गए हैं। इन सबके बीच हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करते हुए यूनिवर्सिटी उन्हें हॉस्टल में ठहरने की इजाजत दे रही है। इसके साथ ही वार्डन के तरफ से घोषणा पत्र भी भरवाया जा रहा है। 1500 रुपए कॉशन मनी के तौर पर जमा कराया जा रहा है।

क्यों लिया जा रहा है कॉशन मनी

एनसी व विवेकानंद हॉस्टल में रहने वाले हॉस्टलर्स ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि जब वह कुछ ही दिनों के लिए एग्जाम देने के लिए परमिशन दिया गया है तो फिर 1500 रुपए कॉशन मनी क्यों ली जा रही है। एक हॉस्टलर ने बताया कि 2400 रुपए रूम, 500 रुपए सोशल फंड 1500 रुपए इलेक्ट्रिक चार्ज, 300 रुपए मेंटेंस चार्ज व 1500 रुपए कांशन मनी सत्र 2019-20 में जमा कराया गया था। लेकिन जब सत्र 2020-21 में कोरोना के कारण हास्टल में न तो रिन्यूवल हुआ और ना ही रजिस्ट्रेशन हुआ, ऐसे में कुछ 10-15 दिनों के लिए 1500 रुपए वसूलने का क्या मकसद है।

हॉस्टलर्स से घोषणा पत्र भरवाया जा रहा है। उनसे कॉशन मनी लिया जा रहा है। चूंकि वह सत्र 2020-21 के नवंबर, दिसंबर, जनवरी, फरवरी माह तक हॉस्टल में ही थे, उनका रिन्यूवल व रजिस्ट्रेशन हुआ नहीं था, ऐसे में अब कॉशन मनी ही सिर्फ लिया जा रहा है।

- प्रो। एसके सिंह, चीफ वार्डन, डीडीयूजीयू