- बिना गार्ड वाले एटीएम बूथ पर स्कीमर व कैमरे लगाकर कर रहे क्लोनिंग

- शहर के आउट स्कर्ट एरिया वाले एटीएम में बढ़ रहे मामले

- विदेशी नहीं लोकल गैंग कर रहे ठगी का खेल

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रुष्टयहृह्रङ्ख : कोरोना महामारी की वजह से हजारों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसका असर राजधानी के एटीएम बूथ पर भी दिख रहा है। दरअसल, कोरोना की वजह से एटीएम बूथ पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड को हटा दिया गया। वर्तमान में शहर के आधे एटीएम पर सिक्योरिटी गार्ड तैनात नहीं हैं। इसका फायदा एटीएम कार्ड क्लोनिंग गैंग भरपूर उठा रहा है। गैंग बिना सिक्योरिटी गार्ड वाले एटीएम में स्कीमर लगाकर एटीएम कार्ड क्लोन के जरिये ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। अभी तक रोमानिया का गैंग घटनाओं को अंजाम देता था, वहीं सूत्रों की मानें तो अब लोकल गैंग भी ठगी को अंजाम दे रहा है। पेश है एक रिपोर्ट।

केस एक

अचानक मोबाइल पर आए तीन मैसेज

चिनहट के राम स्वरुप सितंबर में तिवारीगंज बाजार के एटीएम से कैश निकालने गए थे। उन्होंने दो हजार रुपये एटीएम से कैश विड्रा किया। दो दिन बाद अचानक उनके मोबाइल पर एक के बाद एक तीन मैसेज आए, जिसमें 20 हजार रुपये अकाउंट से विड्रा कर लिए गए थे। राम स्वरुप का कहना है कि इसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम सेल में की। जांच में पता चला कि उनके कार्ड का क्लोन बनाकर कैश निकाल लिया गया। उन्होंने अपना अकाउंट ब्लॉक कर पिन नंबर और एटीएम कार्ड बदल दिया।

केस दो

जांच में पता चला क्लोनिंग का मामला

बंथरा के जुनाबगंज के सुशील ने अगस्त में कानपुर हाईवे स्थित प्राइवेट बैंक के एटीएम बूथ से पांच सौ रुपये निकाले थे। दूसरे दिन उसके मोबाइल पर कई मैसेज आए, जिसमें जानकारी हुई कि उसके अकाउंट से 15 हजार रुपये निकाल लिए गए। सुशील ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम सेल में की। जांच में सामने आया कि कार्ड क्लोनिंग के जरिए उसका कैश उड़ा लिया गया।

पीओएस व एटीएम बूथ पर लगाते है स्कीमर

कार्ड क्लोनिंग गैंग एटीएम बूथ पर पीओएस (प्लेस ऑफ सेल) काउंटर में स्कीमर के साथ-साथ एक गोपनीय कैमरे लगाते हैं। स्कीमर से कार्ड का डाटा चोरी करते हैं जबकि गोपनीय कैमरे से पिन नंबर की वीडियो रिकार्ड कर लेते हैं। इसके बाद ब्लैक कार्ड में डाटा ट्रांसफर कर पिन नंबर के जरिए अकाउंट को खाली कर देते हैं। स्कीमर केवल एटीएम बूथ पर ही नहीं बल्कि सभी पीओएस (प्लेस ऑफ सेल) जैसे पेट्रोल पंप, बड़े शॉपिंग मॉल, ऐसे अन्य काउंटर जहां ऑन लाइन पेमेंट की सुविधा होती है। वहां पर भी गैंग स्कीमर के जरिए डाटा चोरी करता है।

रोमानिया गैंग के बाद अब लोकल गैंग भी एक्टिव

एसीपी साइबर सेल के मुताबिक कार्ड क्लोनिंग ठगी का पुराना खेल है। पहले कार्ड क्लोनिंग में रोमानिया गैंग एक्टिव था और उन्हें पकड़ा भी गया था, लेकिन कुछ समय से लोकल गैंग भी कार्ड क्लोनिंग कर ठगी का काम कर रहा है। यह दो तरह से काम करते हैं। पहला बुजुर्ग व कम पढ़े लिखे। एटीएम बूथ में मदद के नाम पर कार्ड बदल देते हैं। इसके अलावा गैंग कार्ड क्लोनिंग का भी काम कर रहा है। इसमें राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश, दिल्ली व यूपी के गोंडा में भी ऐसा गैंग एक्टिव हैं।

आउट स्कर्ट एरिया में सबसे ज्यादा शिकायतें

शहर के आउट स्कर्ट एरिया में कार्ड क्लोनिंग के जरिए ठगी की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। इसके अलावा वह इलाके जहां डेवलपमेंट ज्यादा हो रहा या लोगों की भीड़ अचानक बढ़ी है, इन इलाकों में भी कार्ड क्लोनिंग के मामले सामने आ रहे हैं।

यहां सबसे ज्यादा शिकायतें

बंथरा

चिनहट

पीजीआई

मडि़यांव

गुडंबा

काकोरी

गोसाईगंज

सुशांत गोल्फ सिटी

अर्जुनगंज

कार्ड क्लोनिंग से कैसे बचें

- ऐसे एटीएम का यूज न करें, जहां सिक्योरिटी गार्ड मौजूद नहीं है

- पैसे निकालने के लिए बैंक कैंपस में लगे एटीएम का यूज करने का प्रयास करें

- एटीएम बूथ में कार्ड लगाने से पहले कार्ड बॉक्स को एक बार हिलाकर जरूर चेक करें

- एटीएम में ट्रांजेक्शन करते समय पिन कोड को एक हाथ से छिपाकर करें ताकि गोपनीय कैमरे में पिन नंबर न आ सके

- ऐसे एटीएम का यूज न करें जो बहुत सुनसान इलाके में हो

- रेलवे स्टेशन व बस स्टाफ के आस-पास लगे एटीएम बूथ से ट्रांजेक्शन से पहले सावधानी रखे

एक नजर में कार्ड क्लोनिंग के मामले

2018 - 55

2019- 70

2020- 60 अब तक

कोट-

कार्ड क्लोनिंग गैंग ऐसे एटीएम पर फोकस करते हैं, जहां सिक्योरिटी गार्ड नहीं होते हैं। वहां स्कीमर और कैमरा लगाकर ठगी की वारदात करते हैं। खासतौर से आउट स्कर्ट एरिया के एटीएम, बस स्टैंड व रेलवे स्टैंड के पास के एटीएम में भी क्लोनिंग का डर ज्यादा होता है क्योंकि यहां लोग एटीएम का यूज कर आगे बढ़ जाते हैं।

- विवेक रंजन राय, एसीपी साइबर क्राइम सेल