लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए में गुरुवार को आयोजित वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांगजन समाधान दिवस में सबसे अधिक कंपलेन अवैध निर्माणों की आईं। इसके साथ ही एक प्लॉट के म्युटेशन को लेकर भी आवेदन पत्र आया।

ये कंपलेन आईं

न्यू हैदराबाद निवासी आलोक कुमार शुक्ला ने न्यू टीजी सिविल लाइंस योजना के भूखंड के नामांतरण के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर नजूल अधिकारी को एक सप्ताह में प्रकरण का निस्तारण करने के निर्देश दिये गए। वहीं, औरंगाबाद जागीर निवासी श्याम बिहारी यादव द्वारा चबूतरे के आवंटन के संबंध में आवेदन किया गया। जिस पर संबंधित अधिकारी को एक सप्ताह में आख्या प्रस्तुत करते हुए प्रकरण का निस्तारण करने के निर्देश दिये गए।

जोनल से मांगी रिपोर्ट

इसके अतिरिक्त गोमती नगर के विक्रांत खंड में रहने वाली बीना सिंह द्वारा अवैध निर्माण के संबंध में शिकायत की गई। जांच में पाया गया कि प्रवर्तन जोन-1 की टीम द्वारा पूर्व में ही उक्त प्रकरण में कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को सील किया जा चुका है। इसमें उपाध्यक्ष ने जोनल अधिकारी से अवैध निर्माण की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट तलब की है। इस क्रम में कैसरबाग स्थित नृपेंद्र सान्याल मार्ग निवासी किश्वर रजा ने भी अवैध निर्माण के संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर सचिव ने प्रवर्तन जोन-6 के जोनल अधिकारी को एक सप्ताह में कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

सात मामलों का मौके पर निस्तारण

अपर सचिव ने बताया कि शिविर में कुल 24 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से सात प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। वहीं, शेष प्रकरणों के निस्तारण के संबंध में समय सीमा निर्धारित करते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। शिविर में नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी, विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।

लगातार फीडबैक लिया जाए

वीसी की ओर से निर्देश दिए गए हैैं कि जो भी कंपलेन आ रही हैैं, उनका समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाए। इसके साथ ही संबंधित शिकायतकर्ता के भी संपर्क में रहें और लगातार उसका फीडबैक लेते रहें। शिकायतकर्ता जब शिकायत के समाधान से संतुष्ट हो जाए तभी शिकायत क्लोज करें। उन्होंने यह भी कहाकि अगर शिकायत निस्तारण मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वीसी ने यह भी कहाकि वह खुद भी किसी भी शिकायतकर्ता को खुद फोन करके निस्तारण के संबंध में जानकारी लेंगे।