लखनऊ (ब्यूरो)। 'होली के त्योहार पर घर में खुशी का माहौल था। बेटी सौम्या से बात की तो उसने कहा कि मां मैं बिल्कुल ठीक हूं, पेपर होने वाले हैं, खत्म होते ही लौट आऊंगी। पर क्या पता था कि उसका शव घर आएगा', यह कहकर सौम्या की मां फूट-फूटकर रोने लगीं। शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे सौम्या का अंतिम संस्कार गोसाईगंज के रहमत नगर स्थित अपने घर के पास खेत में किया गया। चाचा नंदू चिता में आग लगाते फफक पड़े। मां बार बार कह रही थी कि बिटिया तुमने तो आने को कहा था कहां चली गई। पूरे गांव में मातम छाया था।

शव आने पर मां को चला पता

गोसाईगंज के रहमत नगर गांव निवासी दिलीप वर्मा उर्फ कल्लू की बेटी सौम्या कोटा राजस्थान में नीट की तैयारी कर रही थी। सौम्या ने मंगलवार की रात हास्टल में सुसाइड कर लिया था। बुधवार को दरवाजा न खुलने पर इसकी जानकारी हुई। वह पिछले साल वहा पढ़ाई के लिए गई थी। बेटी की मौत की खबर पाकर घर के लोग कोटा पहुंच गए, लेकिन सौम्या के बाबा और मां को कुछ नहीं बताया गया। इस गम को छुपाने के लिए दुकानें भी खोली गईं, लेकिन शुक्रवार की सुबह करीब तीन बजे बेटी का शव लेकर परिवारीजन गांव पहुंचे तो गांव में कोहराम मच गया। बेटी का शव देख कर मां और बाबा को कुछ समझ ही नहीं आया की यह क्या हो गया।

दो भाईयों में अकेली बहन थी

बेटी सौम्या का शव घर पर आते ही मां जानकी बेहोश होकर गिर गई। वह बार-बार कहती रहीं कि सोमवार को बिटिया से बात हुई थी तो हमने कहा आई नहीं, तब उसने कहा था कि अब एकदम से आऊंगी, जब परीक्षा हो जाएगी। किसी को क्या पता था कि बिटिया अब हमेशा के लिए चली जाएगी। सौम्या माता-पिता की ही नहीं बल्कि पूरे परिवार और गांव की दुलारी थी। दो भाईयों में अकेली बहन थी, उसका एक भाई भी बीमारी के चलते चल बसा था।