लखनऊ (ब्यूरो)।सांप्रदायिक दंगों, त्योहारों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था व भूकंप जैसी आपातकालीन स्थित से निपटने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट हर सर्किल में स्पेशल पुलिस अफसर यानि एसपीओ की नियुक्ति कर रहा है। वे एसपीओ सोसाइटी से आने वाले प्रतिष्ठित लोग होंगे, जिन्होंने संकट में जनता की मदद की होगी या जान बचाई होगी। वे पुलिस व पब्लिक के बीच की कड़ी बनकर काम करेंगे। पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद पहली बार एसपीओ की नियुक्ति की जा रही है।

तीन साल के लिए बनाए जाएंगे एसपीओ

डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि पुलिस और पब्लिक की मदद के लिए तीन साल के लिए विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की नियुक्ति की जाएगी। एसपीओ के रूप में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। जोनल पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में एसपीओ नियुक्त करेंगे और उन्हें पहचान पत्र जारी करेंगे। ये नियुक्तियां तीन साल के लिए होंगी। किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल पाए जाने पर एसपीओ की नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी।

एसपीओ के लिए बनाया गया नोडल

राजधानी में एसपीओ को मजबूत करने के लिए नोडल डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह को बनाया गया है। एसपीओ का प्रावधान पुलिस अधिनियम 1861 से लिया गया है। एसपीओ ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने अच्छे काम किए हैं और संकट में जनता की मदद की है या जान बचाई है।

थानों में चस्पा की जाएगी लिस्ट

सूचना व खुफिया जानकारी कैसे जुटानी है के साथ-साथ विशेष आपराधिक घटनाओं पर नजर रखने और ट्रैफिक की आवाजाही में मदद के लिए एसपीओ को ब्रीफ किया जाएगा। डीसीपी ने कहा कि थाने में प्रत्येक एसपीओ के नाम, पते और मोबाइल नंबरों की सूची चिपकाई जाएगी। वे जुआ रैकेट, अवैध शराब की दुकानों, जानवरों के अवैध वध के संबंध में भी जानकारी एकत्र करेंगे।

डीसीपी जारी करेंगे एसपीओ कार्ड

एसपीओ का काम होगा कि अपने एरिया में भूमि विवाद और प्रेम संबंधों के मामले, जिनमें हत्या की संभावना हो सकती है, उन्हें भी पुलिस थानों में सूचित करें। अब तक लखनऊ में एसपीओ की भूमिका बहुत सीमित थी। मुहर्रम और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों के समय लखनऊ में अस्थायी अवधि के लिए एसपीओ नियुक्त किए गए थे। हालांकि, अब से लखनऊ में डीसीपी रैंक का एक अधिकारी एसपीओ को आईडी कार्ड जारी करेगा।