लखनऊ (ब्यूरो)। प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर केस ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी थी। हत्याकांड के बाद आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस व स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) लगातार काम कर रही है। 18 दिन बीतने के बाद अभी भी शूटर्स फरार हैं। उन्हें दबोचने लिए एसटीएफ ने अपनी स्पेशल टीम बनाई है। जिसमें आईपीएस अफसर से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के कर्मचारियों को शामिल किया गया है। वे न केवल एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं, बल्कि पूर्व में प्रयागराज में तैनात भी रह चुके हैं और तैनाती के दौरान वहां अपराध को उखाडऩे का काम किया था।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसर टीम में

कभी ठोकिया और ददुआ जैसे डकैतों के लिए काल बनने वाले आईपीएस अनंत देव तिवारी, मुख्तार अंसारी एंड गैंग के लिए सिर दर्द बने इंस्पेक्टर से क्षेत्राधिकारी बने पूर्वांचल में तैनात एक सीओ व तीन अन्य इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी जो किसी अन्य विंग में तैनात हैं, लेकिन अब वह उस टीम का हिस्सा हैं, जो उमेश पाल हत्याकांड में शामिल फरार शूटर्स की तलाश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस स्पेशल टीम को किसी भी हाल में अतीक के फरार बेटे असद, गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान को गरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं।

ठोकिया व ददुआ गैैंग का किया सफाया

सूत्र बताते हैं कि प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट के पांच आईपीएस अधिकारी, एक दर्जन पीपीएस अधिकारी और सौ से अधिक इंस्पेक्टर अतीक अहमद के गुर्गों को ढूंढने में फेल साबित हुए। एसटीएफ के एडीजी, एसएसपी, चार डिप्टी एसपी और आधा दर्जन इंस्पेक्टर कई राज्यों की खाक छानने के बाद भी असद, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम को नहीं ढूंढ पाए। अब एक ऐसी टीम गठित की गई है, जिन्होंने पहले कभी ऐसे अपराधियों को ढूंढा हो और उन्हें गिरफ्तार या उनका एनकाउंटर किया हो। काफी मंथन के बाद पहले जिस अधिकारी को इस स्पेशल टीम में शामिल किया गया वह 23 माह बाद चार्ज पाए डीआईजी प्रयागराज जीआरपी अनंत देव तिवारी थे। जिन्हें एसटीएफ से अस्थाई रूप से संबंध किया गया और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों की तलाश में लगाया गया। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाने वाले अनंत देव तिवारी पूर्व में कुख्यात ददुआ और ठोकिया को मुठभेड़ में मार गिराने वाली एसटीएफ टीम का हिस्सा रहे हैं।

कृष्णानंद राय मर्डर के शूटर को किया ढेर

स्पेशल टीम में पूर्वांचल के एक जिले में तैनात क्षेत्राधिकारी को इस स्पेशल टीम का हिस्सा बनाया गया। वह राष्ट्रपति पदक से नवाजे जा चुके। एसटीएफ में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात रहते इस अधिकारी ने साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करने वाले मुख्तार गैंग के शूटर फिरदौस का मुंबई में एनकाउंटर किया था। इसके अलावा कई कुख्यात अपराधियों को इस अधिकारी ने जेल भेजा या एनकाउंटर में ढेर किया है।

तीन इंस्पेक्टर भी स्पेशल टीम में शामिल

सूत्रों के मुताबिक, पूर्वांचल में तैनात इस अधिकारी के अलावा तीन अन्य इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों को अतीक के इन पांच शूटर्स की तलाश के लिए स्पेशल टीम में जगह दी गई है। जो अपने अपने अनुभव का फायदा उठा कर पांचों पांच लाख इनामी आरोपियों की तलाश करेगी। इस स्पेशल टीम की खास बात यह है कि सभी ने मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के गैंग के अलावा बिहार और नेपाल में जाकर कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी की है। इन्हें अपराधियों के छुपने के ठिकानों से लेकर वहां मौजूद मुखबिर तंत्र तक की अच्छी जानकारी है।

शूटर्स के ऊपर बढ़ाया गया ईनाम

पुलिस अब तक अरबाज और विजय उर्फ उस्मान को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। वहीं इस पूरे हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मुस्लिम हॉस्टल में मौजूद अपने कमरे में प्लानिंग बनाने वाले सदाकत खान को गिरफ्तार किया गया है। अतीक के बेटे असद, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, गुलाम और अरमान पर सरकार ने पांच-पांच लाख का इनाम घोषित कर दिया है।