- सरकार की रजामंदी के बाद स्कूलों ने शुरू की तैयारी

LUCKNOW : कोरोना के चलते करीब सात माह से बंद चल रहे स्कूलों की रौनक 15 तारीख से वापस लौटने लगेगी। सरकार ने 15 अक्टूबर से 12वीं तक के स्कूल खोलेने की मंजूरी दे दी है। आदेश का इंतजार कर रहे स्कूलों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। स्कूलों की शुरुआत 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स से होगी।

एसओपी की खास बातें

- एडमिशन के लिए हर स्कूल के कम से कम दो गेट खोले जाएंगे।

- क्लास 12 के स्टूडेंट्स गेट नंबर दो से और क्लास 10 के गेट नंबर तीन से एंट्री करेंगे।

- स्कूलों को रोज सेनेटाइज किया जाएगा।

- बिना मास्क के स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी जाएगी।

- गेट से कम से कम पांच मीटर दूरी तक गोले बनाए जाएंगे, जिससे आने वाले स्टूडेंट्स शारीरिक दूरी का ध्यान रखें।

- दोनों पालियों में आने वाले स्टूडेंट्स की क्लास का सेक्शन के आधार पर रिकॉर्ड बनाया जाएगा।

- सभी स्टूडेंट्स-कर्मचारियों व शिक्षकों की थर्मल स्कै¨नग की जाएगी।

प्रशासन चाहे तो स्कूल खुलने से पहले करे जांच

राजधानी के स्कूलों के ओर से कहा गया है कि कोरोना काल के बीच खुल रहे स्कूलों की तैयारियों और एसओपी की जांच करने के लिए जिला प्रशासन कभी भी आ सकता है। प्रशासन चाहे तो 15 अक्टूबर से पहले सभी स्कूलों को या फिर चुनिंदा स्कूलों का चयन का मानकों की जांच कर सकता है। वहीं स्कूल प्रशासन का कहना है कि इसके बाद कोई भी उनके स्कूल में कोरोना पॉजिटिव निकलता है उसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की नहीं होगी।

कोट

स्कूल खोलने को लेकर एसोसिएशन द्वारा एसओपी तैयार की गई है। उसे शासन के समक्ष रखा गया है। 15 अक्टूबर से 10वीं और 12वीं के बच्चे बुलाए जाएंगे। 22 अक्टूबर तक एहतियात के साथ इन्हें क्लास मुहैया कराई जाएगी। सब ठीक रहा तो दशहरे के बाद 9वीं और 11वीं के स्टूडेंट्स को भी बुलाया जाएगा। छोटे बच्चों के क्लासेस हम ऑनलाइन माध्यम से ही कराए जाने पर विचार कर रहे हैं।

अनिल अग्रवाल, चेयरमैन, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश

लॉकडाउन लगते ही सीएमएस ने सभी स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी थीं जो इस समय भी बेहतर तरीके से चल रही हैं। अनलॉक-5 में सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने की अनुमति दी है, इस संबंध में सभी प्रिंसिपल की एक बैठक शनिवार को बुलाई गई है। उसमें ये तय होगा कि यदि स्कूल खोले जाने हैं तो किस तरह से इसका क्रियान्वन किया जाए।

- ऋषि खन्ना, जन संपर्क अधिकारी, सीएमएस

हमारे स्कूल में प्रतियोगी परीक्षाएं होती रहती हैं। शारीरिक दूरी के साथ एक बार में हम 480 बच्चे बुला सकते हैं। एक रूम में 24 बच्चों को बैठालने की व्यवस्था की गई है। टेंप्रेचर चे¨कग के साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर भी ले लिए गए हैं। रोज कक्षाओं का सेनेटाइजेशन हो रहा है। हम पूरी तरह से बच्चों को कक्षाएं देने के लिए तैयार हैं।

धीरेंद्र मिश्र, ¨प्रसिपल राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज

हमने बच्चों को क्लास में बैठालने के लिए एक कक्षा के दो सेक्शन बनाए हैं। एक बार में एक सेक्शन बुलाया जाएगा। अगले दिन दूसरे सेक्शन को बुलाया जाएगा। बेंचों पर नंब¨रग कर दी गई है। एक बेंच दो बच्चे बिठाए जाएंगे। मास्क, हैंड वॉश, सेनेटाइजर आदि की पूरी व्यवस्था है। विद्यालय में बच्चों को हैंड वॉश के लिए टोंटी भी अधिक लगवा दी गई हैं।

- साहब लाल मिश्रा, ¨प्रसिपल अमीनाबाद इंटर कॉलेज

हमारे प्राइवेट स्कूल की एसोसिएशन ने सरकार को कुछ प्वाइंट भेजे थे। हम स्टूडेंट्स को बुलाने पर सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखेंगे। जिसको लेकर हम 10वीं और 12वीं क्लासेस के बच्चों को बुलाने की योजना बना रहे हैं। क्लासेस इस तरह से लगेंगी कि प्रत्येक क्लास में सिर्फ 20 बच्चे ही रहें। हालांकि बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय पेरेंट्स का होगा।

- मनीष सिंह, डायरेक्टर, एसकेडी ग्रुप ऑफ स्कूल

हमने पेरेंट्स को बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर एक कॉनसेंट लेटर भेजा है, जो अपने बच्चों को भेजना चाहते हैं वे इस लेटर पर साइन करके स्कूल में जमा करा सकते हैं। जो पेरेंट्स स्कूल में कॉनसेंट लेटर जमा करेंगे उन्हीं के बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। इसके अलावा हमने रोटेशन वाइज बच्चों की पढ़ाई करवाने की योजना बनाई है। इसमें एक दिन बच्चा स्कूल आएगा तो दूसरा ऑनलाइन क्लास करेगा।

- सरबजीत सिंह, प्रबंधक, अवध कॉलिजिएट