40 मरीज रोज बलरामपुर में
20 मरीज फंगल इंफेक्शन के
- फंगल इंफेक्शन को ठीक होने में चार माह लगते हैं
- बारिश के मौसम में साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी
LUCKNOW:
बारिश के मौसम में तापमान में उतार-चढ़ाव और नमी होने से स्किन डिजीज बढ़ जाती हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा साफ-सफाई पर ध्यान न देने और गीले कपड़े पहनने से होता है। ऐसे में लोगों को स्टेरायड युक्त क्रीम का यूज नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बीमारी तो खत्म नहीं होती, बल्कि और बढ़ जाती है।
हर साल बढ़ रहा फंगस
बलरामपुर अस्पताल के सीनियर स्किल स्पेशलिस्ट डॉ। मसूद उस्मानी ने बताया कि बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन की समस्या ज्यादा आती है और इससे पीडि़तों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। अस्पताल में स्किल डिजीज के जितने भी मरीज आ रहे हैं, उसमें से आधे लोगों को यही समस्या है।
यूथ में समस्या ज्यादा
गलत खानपान, पोषण की कमी और स्टेरॉयड मिले मेकअप का यूज इन रोगों को बढ़ावा दे रहा है। यूथ स्किन और बालों को लेकर तमाम तरह के कॉस्मेटिक यूज कर रहे हैं, उनमें इस तरह की परेशानियां ज्यादा देखने को मिल रही हैं।
स्टेरॉयड युक्त दवाओं से बचें
डॉ। उस्मानी ने बताया कि फंगल इंफेक्शन के लगातार बने रहने का सबसे बड़ा कारण स्टेरायडयुक्त एंटी-फंगल क्रीम का इस्तेमाल करना है क्योंकि स्टेरायड खुजली कम कर देता है। जिससे मरीज को लगता है कि बीमारी ठीक हो गई लेकिन बीमारी ठीक नहीं होती है। फंगल इंफेक्शन को चार हफ्ता ठीक होने में लगता है। ऐसे में स्टेरायडयुक्त क्रीम का इस्तेमाल तो बिलकुल नहीं करना चाहिए।
म्यूटेशन ने बढ़ाई दिक्कत
डॉ। उस्मानी ने बताया कि इंफेक्शन की समस्या बने रहने का एक कारण ट्राइको फाइटान मैंटा ग्रोफाइट कें अंदर म्यूटेशन का होना है। जिससे कॉमन एंटी-फंगल दवा का असर कम हो गया है। म्यूटेंट फंगस कपड़ों में ज्यादा समय तक जिंदा रहता है। यह तौलिया में 6 माह तक जिंदा रहता है। ऐसे में तौलिया की सही सफाई न करने से यह इंफेक्शन लगातार बना रहता है। ऐसे में तौलिया करीब 10 घंटा धूप में सुखाएं या 45 मिनट तक उबले पानी में भीगोए या कपड़े को दोनों ओर से प्रेस करें। यह बीमारी पांच हफ्तों में ठीक हो जाएगी, लेकिन सावधानी 6 माह तक बरतनी होगी। वर्ना बीमारी दोबारा हो जाएगी।
बारिश के मौसम में आम समस्याएं
- स्किन पर रैशेज
- दाद-खाज-खुजली
- चेहरे पर मुंहासे आना
- फंगल इंफेक्शन की समस्या
प्रमुख लक्षण
- स्किन में लाल या बैंगनी रंग के चकत्ते होना
- त्वचा में पपड़ी पड़ना और खाल का उतरना
- त्वचा का लाल होने के साथ दर्द
- बारिश में ज्यादा देर तक भीगने पर
ऐसे करें बचाव
- शरीर की रोजाना साफ-सफाई करें
- तौलिया रोज धोएं और अलग रखें
- अपने कपड़े गर्म पानी में धोएं
- संतुलित आहार और मौसमी फल खाएं
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा यूज न करें
- बच्चे का कंघा अलग रखें और हर हफ्ते धोएं
- सिंथेटिक की जगह कॉटन के लूज कपड़े पहनें
फंगल इंफेक्शन होने में बाजार से कोई भी स्टेरॉयड मिली दवा यूज करने से बचना चाहिए। इलाज बीच में न छोड़ें। बिना डॉक्टरी सलाह के कोई दवा खुद से न लें।
डॉ। मसूद उस्मानी, बलरामपुर हॉस्पिटल