लखनऊ (ब्यूरो)। बस तीन महीने के इंतजार के बाद पुराने लखनऊ में रहने वाले लाखों लोगों को जलभराव की समस्या से राहत मिलने जा रही है। इसके साथ ही गोमती नदी का पानी भी शुद्ध होगा। इसकी वजह है कि जियामऊ एरिया में तैयार हो रहा सीवेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट इसी साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा और ऑपरेट भी होने लगेगा।

220 एमएलडी से अधिक क्षमता

जियामऊ कैंसर अस्पताल के ठीक सामने रोड के दूसरी तरफ अमृत योजना के अंतर्गत इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। यह काम जलनिगम की ओर से कराया जा रहा है। बाद में इस प्लांट को नगर निगम को हैैंडओवर कर दिया जाएगा। फिर नगर निगम सुएज या अन्य किसी कंपनी के माध्यम से इसके संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा। हालांकि, पूरी संभावना है कि अन्य एसटीपी के संचालन का काम देख रही सुएज कंपनी को ही इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।

जलभराव की समस्या से निजात

इस निर्माण कार्य में नगर निगम की ओर से वित्तीय हिस्सा दिया गया है, जो करीब 100 करोड़ के आसपास है। इस एसटीपी के निर्माण की प्रमुख वजह यही है कि हैदर कैनाल से पानी को ट्रीट किया जा सके, जिससे गोमा में अशुद्ध जल न जाए। इतना ही नहीं, जब प्रॉपर तरीके से हैदर कैनाल के पानी को ट्रीट किया जाने लगेगा तो यह नाला ओवरफ्लो नहीं होगा। जिसका सीधा फायदा पुराने लखनऊ में रहने वाले लोगों को जलभराव की समस्या से निजात के रूप में मिलेगा। अक्सर बारिश में यह नाला ओवरफ्लो होता है और इसकी वजह से पुराने लखनऊ के कई एरियाज में जलभराव की समस्या सामने आती है।

31 मार्च तक काम पूरा

अभी जो जानकारी मिली है, उससे साफ है कि 31 मार्च 2024 तक एसटीपी के निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। जिसके बाद हैैंडओवर फिर संचालन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए नगर निगम की ओर से तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैैं। जिससे प्लांट के हैैंडओवर होते ही तत्काल प्रभाव से उसका संचालन शुरू किया जा सके।

ये होंगे फायदे

1-हैदर कैनाल नाला ओवरफ्लो नहीं होगा

2-जलभराव की समस्या से निजात

3-गोमा में नाले का दूषित पानी नहीं जाएगा

लंबे समय से जरूरत

इस एसटीपी की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। हैदर कैनाल नाला बड़े नालों में से एक है। यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं गोमा में जाकर गिरता है। इसकी वजह से गोमा का जल भी मैला होता है। इस एसटीपी के लग जाने के बाद निश्चित रूप से गोमा में घुल रहे प्रदूषण रूपी जहर के ग्राफ में गिरावट देखने को मिलेगी। इसके साथ ही दो से तीन अन्य स्थानों पर भी नए एसटीपी लगाने की तैयारी हो रही है। हालांकि, अभी उनके प्रपोजल तैयार किए जा रहे हैैं।