लखनऊ (ब्यूरो)। महानगर रेडियो कॉलोनी निवासी 11वीं की छात्रा ईशा यादव ने स्कूल प्रिंसिपल व शिक्षिका से परेशान होकर फांसी लगाकर जान दे दी। यह आरोप छात्रा के एसआई पिता प्रदीप कुमार ने लगाया है। उनकी तहरीर पर महानगर कोतवाली में शिक्षिका रंजना सिंह और प्रिंसिपल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है।

स्कूल में बेटी के न मिलने पर घबरा गई मां

रेडियो कॉलोनी निवासी दारोगा प्रदीप कुमार की बेटी ईशा यादव आरएलबी सर्वोदयनगर ब्रांच में 11वीं की छात्रा थी। मंगलवार को वह परीक्षा देने स्कूल गई थी। दोपहर करीब 12 बजे स्कूल से प्रदीप कुमार को फोन किया गया। कॉल करने वाली शिक्षिका रंजना सिंह ने बताया कि ईशा नकल करते पकड़ी गई है। प्रदीप के मुताबिक, मंगलवार को वायरलेस मुख्यालय में डीजीपी का आगमन था। ऐसे में वह ड्यूटी छोड़ कर नहीं जा सकते थे। उन्होंने फोन कर पत्नी प्रेमलता से स्कूल जाने को कहा। आरएलबी सर्वोदयनगर ब्रांच पहुंचने पर प्रेमलता को बेटी कहीं नजर नहीं आई। सुरक्षा गार्ड से पूछने पर पता चला कि स्कूल की छुट्टी हो चुकी है। बेटी के नहीं मिलने पर प्रेमलता घबरा गईं। उन्होंने फोन कर पति को जानकारी देते हुए जल्द से जल्द घर आने के लिए कहा।

प्रिंसिपल ने 50 मिनट पिता को रोके रखा

पत्नी का फोन आने पर एसआई प्रदीप ड्यूटी छोड़ कर बेटी के स्कूल पहुंचे। जहां उन्हें ईशा स्टूल पर बैठ कर पेपर देते हुए मिली। उन्होंने बेटी से बात करनी चाही। जिसकी इजाजत उन्हें नहीं दी गई। इस बीच शिक्षिका ने बताया कि प्रिंसिपल ने प्रदीप को अपने दफ्तर में बुलाया है। जहां दरोगा को प्रिंसिपल ने अपशब्द कहे। करीब 50 मिनट तक प्रदीप को दफ्तर में ही रोके रखा गया। इस बीच बेटी दूसरे कमरे में बैठी हुई थी। प्रिंसिपल दफ्तर से निकल कर प्रदीप बेटी को साथ लेकर घर आ गए। कुछ देर साथ बैठने के बाद ईशा सोने की बात कहते हुए कमरे में चली गई। शाम करीब 5.30 बजे प्रेमलता बेटी को जगाने कमरे में गईं। जहां उन्हें ईशा का शव कुंडे में दुपट्टे से लटकता मिला।

मानसिक प्रताडऩा से उब गई थी बेटी

पिता का आरोप है कि स्कूल में ईशा को मानसिक प्रताडऩा दी जाती थी। जिससे वह काफी परेशान थी। मंगलवार को नकल करने का आरोप लगा कर उसे परेशान किया गया। सहपाठियों के समक्ष भी शिक्षिका ने अमर्यादित व्यहवहार किया था। इसकी तस्दीक स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों से की जा सकती है। प्रदीप के अनुसार, शिक्षिका व प्रिंसिपल के व्यवहार से व्यथित होकर ही ईशा ने आत्महत्या की है।