लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ। रविकांत की हिंदू मंदिर पर की गई टिप्पणी ने यूनिवर्सिटी में माहौल गरमा दिया है। एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत के काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित बयान देने के बाद मंगलवार को दिन भर विरोध प्रदर्शन हुआ। यूट्यूब चैनल पर हुई एक चर्चा में प्रो। रविकांत ने यह विवादित बयान दिया था। इस मामले में देर शाम हसनगंज थाने में उनके विरुद्ध एबीवीपी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमन दुबे ने मुकदमा दर्ज कराया। एफआईआर में धारा 153 ए, 504, 505/2, एवं 66 लगायी गई है।

शाम पांच बजे खत्म हुआ हंगामा

इससे पहले एबीवीपी के दर्जनों कार्यकताओं ने हिंदी विभाग के सामने नारेबाजी करते हुए प्रो। रविकांत से विवादित टिप्पणी पर माफी की मांग करने लगे। मामला बढ़ता देख प्रोफेसर को सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रॉक्टर कार्यालय ले गई। यहां वह तकरीबन चार घंटे रहे और बाहर लगातार एबीवीपी से जुड़े छात्र नारेबाजी और प्रदर्शन करते रहे। छात्रों की शिकायत पर चीफ प्रॉक्टर प्रो। राकेश द्विवेदी ने प्रो। रविकांत से विवादित बयान पर तीन कार्यदिवस में स्पष्टीकरण मांगा है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। चीफ प्रॉक्टर के समझाने पर प्रदर्शन शाम पांच बजे खत्म हुआ। हालांकि, एक पुलिस कर्मी द्वारा प्रदर्शन में शामिल एक छात्र को थप्पड़ मारने पर कुछ देर लिए माहौल फिर गर्म हो गया था। पर पुलिस ने अपनी गलती मानी ली।

शिक्षक बोले, बेहद शर्मनाक बयान

यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ के ग्रुप पर इस विवादित बयान की दूसरे शिक्षकों ने निंदा की। भू-गर्भ विज्ञान विभाग के शिक्षक ने इसे शर्मनाक बताया। अन्य शिक्षकों ने कहा कि इस अनावश्यक बयानबाजी के लिए संबंधित शिक्षक को फटकार लगाई जानी चाहिए। यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक द्वारा इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है।

मैंने डिबेट में लेखक पट्टाभि सीता रमैया की लिखित किताब 'फैदर्स एंड स्टोंस' के आधार पर अपनी बात रखी थी। जो वीडियो वायरल किया गया, उसमें किताब का रेफरेंस काट दिया गया। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं था। किसी को गलत लगा है, तो मैं खेद प्रकट करता हूं।

डॉ। रविकांत, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, एलयू

विवादित बयान के मामले में स्टूडेंट्स की शिकायत पर यूनिवर्सिटी ने संबंधित शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है।

डॉ। दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रवक्ता, एलयू