- असीमबंधु भट्टाचार्य और सुरभि सिंह की खूबसूरत प्रस्तुति ने दर्शकों का जीता दिल

- कल्चर क्वेटा संस्था की ओर से संगीत नाटक अकादमी में आयोजन

LUCKNOW: सुंदरकांड को नृत्य नाटिका के जरिये जब मंच पर उतारा गया तो दर्शक भक्ति के रंग में सराबोर नजर आए। असीमबंधु भट्टाचार्य और सुरभि सिंह के पारम्परिक कथक की प्रस्तुति ने सुंदरकांड को बहुत ही खूबसूरती के साथ मंच पर उतारा। संस्कृति विभाग के सहयोग और कल्चर क्वेटा संस्था की ओर से इस सुंदरकांड नृत्यनाटिका की प्रस्तुति शनिवार को संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में हुई। इसमें राम भक्त हनुमान की भक्ति और समर्पण को कथक के माध्यम से दिखाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर लालजी टंडन मौजूद रहे। सुंदरकांड नृत्यनाटिका के देश-विदेश में अब तक 500 से ज्यादा शो हो चुके हैं।

जब नृत्य नाटिका की हुई शुरुआत

रामचरितमानस के सुंदरकांड पर आधारित नृत्य नाटिका की शुरुआत हनुमान जी के सुरसा राक्षसी के मुकाबले से हुई। इसके बाद कथक नृत्य नाटिका में सुंदरकांड के प्रमुख प्रसंगों को दिखाया गया। इसमें लंका का वर्णन, सीता रावण का संवाद, लंका दहन, अंत में समुद्र से रास्ता मांगने के दृश्य को बहुत ही मार्मिक तरीके से नृत्य के माध्यम से सुरभि सिंह ने प्रस्तुत किया। इस नृत्य नाटिका में कथक के साथ भरतनाट्यम, छाऊ, समसामयिक नृत्य की मुद्राओं व गतियों के साथ नृत्य का संयोजन किया। इस पूरे सुंदरकांड में राम की भूमिका में शमशुर रहमान, रावण की भूमिका में अभय गुप्ता नजर आये।

असीम बंधु भटटाचार्य ने दी शिव स्तुति पर प्रस्तुति

कार्यक्रम में सबसे पहली प्रस्तुति कोलकाता के विश्वविख्यात कथक गुरु असीमबंधु भटटाचार्य की रही। जिसमें उन्होंने पारम्परिक कथक की प्रस्तुति देकर लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने सबसे पहले कथक प्रस्तुति में शिव स्तुति की प्रस्तुति दी। इसके बाद धामर ताल में कथक प्रस्तुति व अंत में गुरुनानक भजन सुमिरन करलो मेरो मन की प्रस्तुति देकर लोगों को आनंदित कर दिया।