लखनऊ (ब्यूरो)। माहे रमजान का पहला रोजा शुक्रवार से शुरू हो चुका है। इस दौरान लोग लंबे समय तक बिना कुछ खाए-पिए रहते हैं। साथ ही मौसम भी गर्म और ठंडा हो रहा है। ऐसे में रोजा रखने के दौरान खास ध्यान रखना चाहिए। खासतौर पर जो लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट और थायराइड जैसी गंभीर बीमारियों से पीडि़त हैं। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ही रोजा रखना चाहिए और समय पर दवाएं लेते रहना चाहिए।

दवाएं लेना न भूलें

केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के डॉ। कौसर उस्मान के मुताबिक, रोजा में खाने में 12 से 15 घंटे का अंतर रहता है। जो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। हालांकि, शुगर व ब्लड प्रेशर के मरीज सावधानी बरतकर रोजे रख सकते हैं। ब्लड शुगर और बीपी पर नजर रखें। सेहरी और इफ्तार में दवाएं लेना न भूलें। डायबिटीज रोगी ज्यादा खजूर न खाएं। सिर्फ एक खजूर ही ले सकते हैं। इसके अलावा दलिया, फल, मेवा आदि ज्यादा खाएं। इफ्तारी में एकदम से अधिक खाने से बचना चाहिए। इसकी जगह थोड़ा खाकर नमाज पढ़ें। मिर्च मसाले वाली चीजों से परहेज करें, क्योंकि इससे प्यास ज्यादा लगती है और पेट खराब हो सकता है।

तली-भुनी चीजों से बचें

पीजीआई में डायटीशियन डॉ। शिल्पी पांडे के मुताबिक, सहरी के समय दाल और दही का सेवन जरूर करें। दही पाचन को ठीक रखने में मदद करता है। इससे पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम भी मिलता है। हर प्रकार की दालों का सेवन दिनभर के लिए पर्याप्त प्रोटीन की आपूर्ति करता है। रमजान में अक्सर लोग इफ्तारी में पकौड़े, पापड़, ऑयली नॉन वेज व अधिक मसालेदार खाना खाते हैं। इफ्तारी में सोच समझकर पकवान शामिल करें। ब्रेड पकौड़ों की जगह सब्जियों से तैयार सैंडविच खाएं। चने मटर को तेल-मसालों से बनाने की जगह उबल कर पकाएं।

ऐसे रखें खुद को हाइड्रेटेड

सहरी और इफ्तार के समय तरल पदार्थ जरूर लें। इसमें दूध, दही, लस्सी, सूप, जूस, नींबू पानी व जलजीरा आदि को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा खुद को डिटॉक्स करने के लिए पानी में तरबूज, पुदिना, धनियां व अदरक और दालचीनी मिलाकर पीएं। साथ ही खजूर की स्मूदी बनाकर पी सकते है। नमक का सेवन कम करना चाहिए, इससे प्यास बढ़ती है।

इन बातों का रखें ख्याल

डायबिटीज के मरी

-मीठी और चिकनी चीजों का सेवन न करें

बीपी के मरीज

-नमक और चिकनी चीजों का सेवन न करें

दमा के मरीज

-मिर्च-मसाला और चिकनी चीजों का सेवन न करें

दिल के मरीज

-तला-भुला और अधिक तेल वाला खाना न खाएं

इन बातें का रखें ख्याल

- अपनी दवा समय पर लेते रहें

- अगर रोजा रख रहे हैं तो डॉक्टर से दवा के समय को लेकर बात करें

- ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए

- परहेजी चीजों से दूर रहें

रोजे के दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाने में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर व प्रोटीन आदि का संतुलन होना चाहिए।

-डॉ। शिल्पी पांडे, क्लीनिकल डायटीशियन, पीजीआई

सवाल-जवाब

रमजान शुरू होते ही रोजेदारों ने अपने सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं। जिसका जवाब उलेमाओं का पैनल दे रहा है। शिया व सुन्नी समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को रोजा, नमाज, जकात और दूसरे दीनी मामलात से जुड़े सवाल पूछकर अपना कंफ्यूजन दूर किया।

सुन्नी हेल्पलाइन

सवाल: रोजे की नियत कब तक कर सकते हैं?

जवाब: जवाल के वक्त तक नियत कर सकते हैं।

सवाल: 2 वे कौनसी बातें हैं, जिनसे रोजा मकरूह हो जाता है? वे क्या हैं?

जवाब: बिना जरूरत व मजबूरी किसी चीज को चबाना, थूक जान बूझकर इकट्टठा करके निगल लेना। कोयल वगैरह से दांत मांजना, गाने बजाने में लगे रहना।

सवाल: रोजे की हालत में अगर किसी के मुुंह से खून आ जाए तो रोजे का क्या हुक्म है?

जवाब: अगर खून हलक के अंदर नहीं जाता है तो रोजे पर कोई असर नही होगा।

सवाल: अगर इमाम ने तरावीह में सिज्दा तिलावत का सिज्दा नहीं किया और किसी ने पीछे से बताया भी

नहीं फिर नमाज के बाद लोगों ने बताया कि सिज्दा तिलावत नहीं किया, तो क्या इसकी तलाफी (बदला) मुमिकन है?

जवाब: अब इस सिज्दे की तलाफी नहीं हो सकती, तरावीह की नमाज अदा हो जायेगी।

सवाल: क्या कोयला चबा कर दांत मांजने से रोजा टूट जाता हैै?

जवाब: नहीं टूटता है। ऐसा करना मकरूह है।

नोट: अगर आप भी अपने सवाल पूछना चाहते हैं तो इन नंबरों पर 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 संपर्क करें।

शिया हेल्पलाइन

सवाल: अगर कोई व्यक्ति रमजान में उमराह या जियारत के लिए जाता है, तो क्या वह रोजा रख सकता है?

जवाब: सफर में अगर कोई 10 दिन से कम रुकता है तो उसका रोजा कसर होगा, भले ही वह उमरा और जियारत के लिए ही क्यों न हो।

सवाल: अगर कोई व्यक्ति रमजान में कुरआने करीम पढऩा शुरू करे तो क्या उसे रमजान में ही खत्म करना होगा?

जवाब: रमजान में कुरान की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिए, लेकिन ऐसी कोई शर्त नहीं है।

सवाल: अगर रोजेदार किसी की दी हुई खजूर से रोजा अफतार करे तो क्या उस रोजे का सवाब उस खजूर देने वाले को मिलेगा?

जवाब: रोजा मोमेनीन को अफतार करवाना बहुत सवाब का कार्य है अगर रोजादार किसी दी हुई खजूर से रोजा अफतार करे तो रोजा रखने वाले के सवाब कम नहीं हो जाता।

सवाल: रोजा तोडऩे वाली नौ चीजों के अलावा क्या खेजाब लगाने से रोजा भी टूट जाता है?

उत्तर: केवल 9 चीजों से ही रोजा टूटता है खेजाब लगाना, बाल काटवाना, इंजेक्शन लगवाने, शुगर चेक करवाने से रोजा नहीं टूटता।

सवाल: रमजान में रोजे रखकर मां-बाप की कजा नमाज अदा की जा सकती है?

जवाब: कजा नमाज अदा करने से रोजे पर कोई असर नहीं होता।

नोट: अगर आपका भी कोई संदेह है तो सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे आप इन नंबरों 9415580936, 9839097407 पर तक संपर्क कर सकते हैं।

सहरी व इफ्तार का समय

सुन्नी का समय

इफ्तार: शाम 6:22 बजे

सहरी: सुबह 4:39 बजे

शिया समय

इफ्तार: शाम 6:37 बजे

सहरी: सुबह 4:48 बजे