LUCKNOW NEWS: लखनऊ (ब्यूरो)। चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सामने लखनऊ-कानपुर हाईवे पर संडे तड़के एथेनॉल से भरा टैंकर अनियंत्रित होकर बीच सड़क पर पलट गया। टैंकर में भरा एथेनॉल पूरी सड़क पर फैल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने लोगों को हिदायत देते हुए घरेलू गैस-सिलेंडर न जलाने की अपील की और विस्फोट होने की आशंका पर टीम ने सड़क से केमिकल को धुलवाया।

अनियंत्रित होकर पलटा टैंकर
घटना संडे तड़के करीब 4.56 बजे की है। लखनऊ-कानपुर रोड पर शांतिनगर के पास टैंकर नंबर यूपी-53 बीटी 6888 हज हाउस के पास पहुंचा तो अचानक अनियंत्रित हो कर हाइवे पर पलट गया। हजारों लीटर एथेनॉल सड़क पर फैल गया। लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर सरोजनीनगर और आलमबाग फायर स्टेशन से तीन फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां घटनास्थल पर पहुंची और हाईवे का एक लेन बंद कर दिया।

बंद कराई बिजली सप्लाई
जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर मुख्य शमन अधिकारी मंगेश कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस के सहयोग से आसपास जुटे लोगों को हटाया गया और विस्फोट होने की आशंका को देखते हुए बिजली सप्लाई बंद कराई गई। आसपास के घरों को खाली कराया गया और लोगों को गैस सिलेंडर न जलाने की हिदायत दी गई।

घरों को कराया खाली
सीएफओ ने बताया कि टैंकर लखीमपुर के गुलहरिया चीनी मिल से एथेनॉल लेकर कानपुर देहात स्थित रिलायंस डिपो माती जा रहा था। हादसे की गंभीरता को देखते हुए आसपास के घरों को खाली कराया गया। फैल रहे एथेनॉल पर फोम डाला गया, ताकि खतरा कम किया जा सके। आलमबाग, चौक व पीजीआई से भी फायर टैंकर बुलाए गए। चार घंटे की मशक्कत के बाद क्रेन से टैंकर को सीधा किया गया। आसपास फैले एथेनॉल पर पानी व फोम डालकर उसे बहाया गया।

लोगों ने ली राहत की सांस
सरोजनीनगर फायर स्टेशन के प्रभारी अधिकारी सुमित कुमार सिंह ने बताया की एथेनॉल बेहद ज्वलनशील पदार्थ है। जरा सी लापरवाही से ब्लास्ट के साथ बड़ा हादसा हो सकता था। फायर कर्मियों और पुलिस की सूझ-बूझ से बड़ा हादसा होते बचा है। हादसे में टैंकर चालक अनूप बाल-बाल बच गए। उन्होंने बताया कि गाड़ी मालिक का नाम बबलू है।

कई किमी। तक गाडिय़ों की कतार
घटना के बाद हाईवे के एक लेन को डायवर्ट किया गया, जिससे लखनऊ-कानपुर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सड़क पर फैले एथनॉल को साफ किया जा सका। इसके बाद लेन बंद लेन खोली गई।