- तहसील दिवस पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण की है लंबी फेहरिस्त
- 15 दिन का दिया जाता है टाइम, फिर नहीं हो पाता जनता की समस्या का निस्तारण
- तहसील दिवस पर आने वाले शिकायतों पर ध्यान नहीं देते अधिकारी
LUCKNOW: शासन ने लोगों की समस्या के निस्तारण के लिए सिंगल विंडो सिस्टम यानी तहसील दिवस शुरू किया था। इस योजना के तहत हर महीने के दूसरे ट्यूज्डे को तहसीलों पर प्रशासन और पुलिस के साथ-साथ सभी विभागों के जिम्मेदार अफसरों की मौजूदगी में पब्लिक की समस्या सुनी जाती है। उनकी समस्याओं को मौके पर या फिर निश्चित समय पर निस्तारण किए जाने का प्रावधान है। मगर तहसील दिवस की सच्चाई यह है कि उसे तहसील दिवस की जगह पीडि़त तसल्ली दिवस कहने को मजबूर हैं। शिकायतें तो आती हैं, लेकिन समय पर निस्तारण की जगह फाइलों में गुम हो जाती है। मौके पर अफसर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन तो देते हैं, पर समय निकलने पर उन्हें फिर उन्हीं शिकायतों के साथ अफसरों की चौखट पर माथा रगड़ना पड़ता है। तहसील दिवस की इस तस्वीर को बयां करती आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट।
कब शुरू हुआ था तहसील दिवस
तहसील दिवस की शुरुआत 2005 में हुई थी। शासन के निर्देश पर डिस्ट्रिक्ट की सभी तहसीलों पर हर ट्यूज्डे को एक कमेटी बनाकर मीटिंग आयोजित कराई जाती थी। जिसका नाम तहसील दिवस रखा गया था। इस कमेटी की अध्यक्षता डिस्ट्रिक्ट के जिलाधिकारी करते हैं। जिसमें प्रशासन और पुलिस के साथ-साथ पब्लिक से संबंधित सभी विभागों के डिपार्टमेंट हेड मौजूद रहते हैं। तहसील दिवस का उद्देश्य है कि पब्लिक की अफसरों की मौजदूगी में तत्काल शिकायत सुनकर उसका निस्तारण का प्रावधान किया जाए। मौके पर निरस्तारण न होने की दशा में पीडि़त को निस्तारण के लिए निश्चित टाइम दिया जाता है।
थाना दिवस भी शुरू किया गया
2005 के बाद तहसील दिवस के साथ थाना दिवस शुरू किया गया था। हालांकि कुछ वर्षो तक चलने के बाद तहसील दिवस और थाना दिवस केवल कागजों तक ही सीमित रह गए थे। 2012 में तहसील दिवस को दोबारा बड़े पैमाने पर आयोजित किया गया। जिसमें शासन की तरह से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया। थाना दिवस को खत्म कर उसे तहसील दिवस से जोड़ दिया गया। तहसील दिवस पर प्रशानिक अफसरों के साथ पुलिस और पब्लिक सेंटर के सभी विभागों के अफसरों को जोड़ा गया।
निस्तारण के लिए 15 दिन का टाइम
डीएम ने अपने आदेश में कहा कि शिकायत आने के 15 दिन में उसका निपटारा किया जाए। ऐसा न होने पर अधिकारी को पहली बार कड़ी चेतावनी दी जाएगी। यदि अफसर ने यही रवैया दोबारा अपनाया तो उनको प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। इसके बाद भी यदि तीसरी बार फिर अधिकारी को समय सीमा का पालन करते हुए न पाया गया तो उसे निलंबित कर दिया जाएगा। डीएम ने कहा कि तहसील दिवस में आए आवेदन पत्रों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर तय समय से किया जाए। साथ ही, निस्तारित की गई समस्या की जानकारी शिकायतकर्ता को भी उपलब्ध कराई जाए। जरूरत पड़ने पर शिकायतकर्ता की मौके पर जाकर समस्या निपटाई जाए।
दो जून को तहसील दिवस पर आई शिकायतें
- तहसील दिवस पर आने वाले शिकायतों की संख्या 767 शिकायतों
- 20 शिकायतों का मौके पर निपटारा।
किस विभाग की कितनी शिकायतें आई
तहसील सदर
शिकायतें- 99
निस्तारण- 7
तहसील मलिहाबाद
शिकायतें- 126
निस्तारण- 6
तहसील बीकेटी
शिकायतें-253
निस्तारण- 2
तहसील मोहनलालगंज
शिकायतें- 289
निस्तारण- 5
तहसील दिवस में पुलिस की 122, राजस्व की 377, विकास की 49, शिक्षा की 8, समाज कल्याण की 48, चिकित्सा की एक और अन्य विभागों की 162 प्रार्थना पत्र आए हैं।
7 जून को तहसील दिवस पर आई शिकायतें
- तहसील दिवस पर 940 शिकायतें आई।
- मौके पर महज 18 शिकायतों का निस्तारण।
किस विभाग की कितनी शिकायतें आई
तहसील सदर
शिकायतें- 166
निस्तारण- 3
तहसील मलिहाबाद
शिकायतें- 59
निस्तारण-4
तहसील बीकेटी
शिकायतें- 312
निस्तारण- 5
तहसील मोहनलालगंज
शिकायतें-403
निस्तारण- 6
बाकी शिकायत पत्रों को संबंधित विभागों को भेज दिया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द मामलों का निपटारा किया जाए। डिस्ट्रिक्ट के सभी तहसील दिवसों में पुलिस की 158, राजस्व 411, विकास 105, शिक्षा 11, समाज कल्याण 73, चिकित्सा 2 और अन्य 180 प्रार्थना पत्र आए हैं।
मौके पर निस्तारण नहीं, फिर लगता है चक्कर
तहसील दिवस पर शिकायत का तत्काल निस्तारण न होने पर पीडि़त को संबंधित विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वेबसाइट अपडेट करने के लिए मौके पर आई शिकायत के निस्तारण का रिकॉर्ड रखा जाता है जबकि तहसील दिवस में जिन शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाता है, उन्हें संबंधित विभाग में ट्रांसफर कर दिया जाता है। पीडि़त अपनी प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए संबंधित विभागों के चक्कर लगाता रहता है या फिर नए सिरे से फिर शिकायत का आवेदन करता है।
मगर वेबसाइट पर अव्वल है तहसील दिवस
तहसील दिवस की वेबसाइट शिकायतों और उसके निस्तारण के मामले में अव्वल है। वेबसाइट पर उन्हीं शिकायतों का जिक्र दिखता है, जिनकी शिकायतों का निस्तारण किया गया है। प्रदेश में शिकायतों के निस्तारण के मामले में प्रतापगढ़ का नाम है, जिसने 99 प्रतिशत शिकायतों को निस्तारण किया। वहीं तहसील के रूप में रायबरेली के तितोई तहसील में अब तक 161 शिकायत यानी 100 प्रतिशत शिकायत का निस्तारण है। वहीं हमीरपुर डिस्ट्रिक्ट तहसील दिवस की शिकायत के निस्तारण में सबसे पीछे है और इटावा का ताखा तहसील निस्तारण में अंतिम स्थान पर यानी मात्र 71.5 प्रतिशत है।