लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में गंभीर टीबी की जांच के लिए जरूरी ट्रूनेट जांच ठप हो गई है, क्योंकि जांच के लिए जरूरी रीजेंट खत्म हो गया है, जिसके चलते मरीजों की सामान्य जांच के आधार पर टीबी की पहचान करते हुए दवा दी जा रही है। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, टीबी की जांच लगातार हो रही है। अगर रीजेंट कहीं खत्म हो गया है, तो उसे उपलब्ध कराया जायेगा।

तीन तरह से होती है जांच

टीबी की पहचान के लिए माइक्रोस्कोपिक, ट्रूनेट और सीबीनॉट समेत तीन माध्यमों से जांच की जाती है। तीनों जांचें बलगम से की जाती हैं। इसमें माइक्रोस्कोपिक जांच सामान्य टीबी के लिए होती है। पर जब टीबी का कोई मरीज इलाज बीच में बार-बार छोड़ देता है, तो टीबी का स्वरूप बिगड़ जाता है, जिसकी वजह से मरीज में ड्रग रजिस्टेंट हो जाता है। ऐसे में, मरीज एमडीआर या फिर एक्सडीआर की चपेट में आ सकता है। इसका पता लगाने के लिए ट्रूनेट या फिर सीबीनॉट जांच कराई जाती है।

इलाज में हो रही परेशानी

राजधानी में 13 सेंटर्स में ट्रूनेट जांच की सुविधा उपलब्ध है। पर बीते करीब तीन माह से इस जांच में इस्तेमाल होने वाला रीजेंट नहीं आ रहा है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। माइक्रोस्कोपिक जांच से मर्ज पता लगाया जा रहा है। ऐसे में, एमडीआर या एक्सडीआर टीबी का पता लगाने में समस्या हो रही है। इसके चलते गंभीर टीबी का इलाज करना मुश्किल हो रहा है।

रीजेंट के लिए महानिदेशालय को लिखा गया है, उम्मीद है कि जल्द ही रीजेंट मिल जाएगा और मरीजों की जांच शुरू हो जाएगी।

-डॉ। मनोज अग्रवाल, सीएमओ