लखनऊ (ब्यूरो)। ट्रांसगोमती, चारबाग, कैसरबाग, मॉडल हाउस, इंदिरा नगर, गोमती नगर, लाटूश रोड, जानकीपुरम आदि समितियों द्वारा पंडालों में मां की भव्य व आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित कर दी गई हैं। वहीं मां के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त पंडालों में उमड़ रहे हंै। शाम को पंडालों की रौनक देखते ही बन रही है। मां की प्रतिमाओं के साथ लोगों में सेल्फी का क्रेज भी देखने को मिल रहा है।

मंदिरों में हुआ भव्य श्रृंगार

मंदिरों में मां के स्कंदस्वरूप की उपासना की गई। पूर्वी देवी मंदिर में मां का कात्ययानी स्वरूप में हरे रंग का वस्त्र से श्रृंगार किया गया। इस दौरान भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। वहीं मां को इलायची पेड़ा, केला, नारियल समेत पांच फलों का भोग लगाया गया। वहीं, संदोहन देवी मंदिर में मां नंदी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन दिए। चौक स्थित बड़ी कालीजी मंदिर में मां का फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया। तड़के से ही भक्तों के आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इसके अलावा, दुर्गा माता मंदिर, काली बाड़ी, छोटी कालीजी मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ बनी रही।

ऐसे करे मां कालरात्रि की पूजा

मां कालरात्रि का ध्यान करके उनका षोडशोपचार वा पंचोपचार पूजन करके नैवेद्य लगाकर मां काली की आरती करें। विशेष रूप से रात्रि के प्रथम प्रहर में रात्रि सूक्त का 9 पाठ जरूर करें। इनकी उपासना करने वाले को भूत, प्रेत व शत्रु आदि नहीं सताते और साधक भय से मुक्त रहता है। देवी का यह रूप ऋद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला है। पूजा के दौरान या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमा मंत्र का जाप करना चाहिए। दुर्गा पूजा के सातवें दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तात्रिक विधि से पूजा करते हैं।