- महानगर के रामलीला मैदान से निकाली गई श्रीनंदा राजजात शोभायात्रा

LUCKNOW: पर्वतीय सांस्कृतिक विरासत और खानपान को अपने आंचल में समेट उत्तराखंड कौथिग की गुरुवार को शुरुआत हुई। पारंपरिक परिधानों के साथ महानगर के रामलीला मैदान से गाजे-बाजे के साथ निकली श्रीनंदा राजजात शोभा यात्रा में अपर्णा यादव व महंत देव्या गिरि समेत कई लोग शामिल हुए। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंडित गो¨वद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक स्थल पहुंची शोभायात्रा मेले में बदल गई। पर्वतीय महापरिषद द्वारा शुरू हुआ कौथिग 23 जनवरी तक चलेगा।

सांस्कृतिक विरासत की झलक

महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चंद्र जोशी ने बताया कि कौथिग के दौरान हर दिन बच्चों के कार्यक्रमों के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 17 जनवरी को सीएम योगी मेले में शामिल होंगे।

छोलिया नृत्य ने मोहा

कौथिग के पहले दिन अल्मोड़ा व रानीखेत से आए कलाकारों ने वहां की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया। वहीं छोलिया नृत्य के साथ रानी खेता रामा डोला आदि गीतों पर अपनी शानदार प्रस्तुतियों से सबका दिल जीत लिया।

खुब भा रही बाल मिठाई

उत्तरायणी कौथिग में खानपान की कई दुकानें लगाई गई हैं। पर्वतीय महापरिषद के प्रवक्ता हेमंत ने बताया कि पहाड़ों की प्रसिद्ध बाल मिठाई, बुरास, संतरा, माल्टा, दाल, जखिया, नींबू, मूली, गडेरी व पहाड़ी नमक के साथ ही मड़वा के आटे के स्टॉल उत्तराखंड के खानपान से लोगों को रूबरू करा रहे हैं। पहले दिन ही यहां इन स्टालों पर काफी भीड़ देखने को मिली।

पर्वत गौरव सम्मान

कौथिग मेले के दौरान पर्वतीय महापरिषद की ओर से पर्वत गौरव सम्मान भी दिया जाएगा। यह सम्मान उस परिवार को दिया जाता है, जिसके यहां कोई शहीद होता है। सम्मान के माध्यम से ऐसे परिवारों के बारे में लोगों को जानकारी भी दी जाती है।

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पर्वतीय रामलीला भी हो

उत्तरायणी कौथिग में गुरुवार को बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि यहां होने वाली गतिविधियों को कोई रोक नहीं सकता। मैं कोशिश करूंगा कि यह स्थल नगर निगम के अधीन रहे। यहां पर्वतीय रामलीला का आयोजन भी किया जाए, जो दिक्कतें होंगी, उसे दूर किया जाएगा।