लखनऊ (ब्यूरो) । पीडि़त इंजीनियर जेवर एयरपोर्ट में काम कर रही एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में जॉब करता है। वह पत्नी के साथ इंदिरानगर के इस्माइलगंज में किराये के मकान में रहता था। दो साल पहले उसने एक प्रॉपर्टी डीलर को प्लॉट खरीदने के लिए रुपये दिए थे। उसने प्लॉट नही दिया और रुपये भी हड़प लिये। इंजीनियर चिनहट कोतवाली में शिकायत लेकर पहुंचा तो इसकी जांच कमाता चौकी इंचार्ज रहे दारोगा को मिली। यहीं से दारोगा ने उसकी पत्नी पर डोरे डालने शुरू किये और मामला यहां तक पहुंच गया।
50 हजार रिश्वत का भी आरोप
पीडि़त इंजीनियर के मुताबिक उनकी पोस्टिंग शहर से बाहर थी इसलिए केस की पैरवी के लिए उसकी पत्नी ही दारोगा के बुलाने पर कमाता चौकी जाती थी। दारोगा ने प्रॉपर्टी डीलर से उसके पैसे वापस दिलाने के एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी। पीडि़त ने पत्नी के कहने पर दारोगा को 50 हजार रुपए दे दिए, लेकिन उसके रुपये वापस नहीं मिले। इसके बाद दारोगा उसकी पत्नी को हर रोज चौकी बुलाने लगा और दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया।
छुट्टी लेकर मिलने आया लखनऊ
दारोगा का हाल ही में बनारस ट्रांसफर हो गया, लेकिन वो इंजीनियर की पत्नी से मिलने के लिए सप्ताह भर से छुट्टी लेकर लखनऊ में ही पड़ा हुआ है। पीडि़त इंजीनियर के मुताबिक उसे मकान मालकिन से पता चला कि कोई पुलिस वाला अक्सर उसके घर आता जाता है। इसपर 26 जनवरी को वो अचानक घर पहुंच गया। उसने धक्का देकर दरवाजा खोला तो दारोगा उसकी पत्नी के साथ मौजूद था। पीडि़त का कहना है कि पकड़े जाने पर दारोगा उसे धमकी देने लगा।
इंजीनियर को घर से निकलवा दिया
पीडि़त ने बताया कि वह दारोगा के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी कार्यालय पहुंचा तो प्रार्थना पत्र लेकर उसे टरका दिया गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर के पास गया, लेकिन वहां भी केवल आश्वासन ही मिला। उधर, इसकी जानकारी होने पर दारोगा ने पत्नी पर दबाव बनाकर उसका सारा सामान घर से बाहर फेंकवा दिया। हालात यह है कि पीडि़त इंजीनियर होटल में कमरा लेकर रात गुजार रहा है और दारोगा उसकी पत्नी के साथ उसके ही घर में रह रहा है।