लखनऊ (ब्यूरो)। कमता चौराहे पर अवैध डग्गेमार वाहनों के स्टैंड से जाम लगता है। इस रूट पर फैजाबाद व पूर्वांचल के लिए डग्गामार वाहन चलते हैं। सवारियों के लालच में ये वाहन रोड पर ही आड़े-तिरछे खड़ा कर देते हैं। जिससे जाम लगता है। यहां न तो डग्गामार और अवैध स्टैंड चलाने वालों पर कोई कार्रवाई होती है और न ही उन्हें हटाया जाता है। कहा जाता है कि डग्गामार वाहन और अवैध स्टैंड पुलिस और नगर निगम कर्मचारियों की शह पर चल रहे हैं।
हर है अवैध कब्जा
पॉलिटेक्निक चौराहे से बीबीडी तक एक तरफ हाईवे के किनारे अवैध पार्किंग का कब्जा है तो दूसरी तरफ फुटपाथ पर दुकाने सजी हैं। आलम यह है कि यहां पैदल चलने वालों को भी मेन रोड का ही यूज करना होता है। शाम के समय जाम के चलते दो किमी का सफर तय करने में कई बार एक घंटे तक का समय लग जाता है।
हाईवे पर खड़े करते हैं वाहन
हाईवे की रोड पर ही लोग अपने व्हीकल पार्क कर देते हैं। यहीं नहीं वाहनों को सर्विस लेन के साथ-साथ रोड पर भी खड़ा किया जाता है। जिससे मेन रोड की चौड़ाई कम हो जाती है।
ट्रैफिक हो जाता है ध्वस्त
फैजाबाद रूट पर सबसे ज्यादा जाम सुबह और शाम को लगता है। सिटी से बाहर जाने के लिए वाहनों की इंट्री होती है। चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोलर न होने के चलते ट्रैफिक पूरी तरह ध्वस्त हो जाता है। सिटी के आउटर साइड पर ट्रैफिक कंट्रोलर की गैरमौजूदगी में बड़े वाहन इंट्री के दौरान फंस जाते हैं।
जाम लगने का कारण
- अवैध तरह से खड़े वाहन
- फुटपाथों पर सजी दुकानें
- ट्रैफिक सिस्टम का सही न होना
- लोगों का आड़ी-तिरछी गाड़ी खड़ी करना

होने वाली प्रमुख समस्याएं
- जो दूरी 20 मिनट में तय होनी चाहिए वो दूरी 45 मिनट मे तय होती है
- जाम में फंसने से ईंधन की खपत बढ़ जाती है
- लोगों को ऑफिस पहुंचने में हो जाती है देर

इस रूट पर आने वाली समस्याओं को अभियान चलाकर दूर किया जाएगा। जिन प्वाइंट पर ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत है वहां, सिस्टम लगाया जाएगा और ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी लगाई जाएगी।
-श्रवण कुमार सिंह, एडीसीपी ट्रैफिक