- वारदात के चार तरीके मेल खा रहे बावरिया गैंग मॉडसअपेंडी से

- चार सौ मीटर की दूरी पर रेलवे पटरी, दो साल पहले चिनहट में ही की थी पहली वारदात

- बांग्लदेशी व बावरिया गैंग पर पुलिस ने शुरु किया काम, खुलासे के लिए लगाई गई पुलिस की 8 टीमें

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रुष्टयहृह्रङ्ख : विकल्प खंड में डकैती की वारदात कहीं बावरिया गैंग की दस्तक तो नहीं? बदमाशों के वारदात के तरीकों ने पुलिस को भी चौकन्ना कर दिया हैं। दो साल पहले इस गैंग ने चिनहट इलाके से वारदात की शुरुआत की थी और एक के बाद एक पूरे शहर में करीब पांच वारदात को अंजाम दिया था। इस घटना के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए है और बदमाशों को पकड़ने के साथ-साथ गैंग का सुराग लगाने के लिए पुलिस की कई टीम लगाई गई हैं। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने इलाके में चौकन्ना रहने के लिए एक्टिव भी कर दिया गया हैं।

ये हैं चार वजह

1. चार सौ मीटर की दूरी पर रेलवे ट्रैक

बावरिया गैंग के सदस्य उस मकान को अपना निशाना बनाते हैं जिस मकान के आस-पास रेलवे ट्रैक हो या फिर रेलवे स्टेशन। माना जाता है कि वह ट्रेन से आकर वारदात को अंजाम देते है और फिर रेलवे ट्रैक से होते हुए रेलवे स्टेशन पहुंच कर ट्रेन से ही फरार हो जाते हैं। विकल्प खंड तीन में जिस मकान में वारदात हुई है उससे करीब चार सौ मीटर पर रेलवे ट्रैक हैं। जो गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर जाता हैं।

2- बदमाशों के कपड़े व चेहरा छिपाने का तरीका

विकल्प खंड में जिन बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया उसमें सभी 22 से 28 साल के उम्र थी और परिजनों के अनुसार सभी ने लोअर टीशर्ट पहन रखी थी। साथी ही सभी ने चेहरे पर नकाब लगा रखा था। बावरिया गैंग भी इस तरह के कपड़े पहनता है, वह अक्सर लोअर टीशर्ट में वारदात करता है। ताकि फरार होने के समय उन्हें पुलिस मजदूर समझ। वह 6 से 7 की संख्या में वारदात को अंजाम देते है। इस घटना में भी बदमाशों की संख्या 6 से 7 थी।

3- खून बहाने को मानते है टोटका

बावरिया गैंग वारदात के दौरान खून बहाने को टोटका बनाते हैं। विकल्प खंड में खाद्य व रसद अधिकारी के पूरे परिवार को बंधक बनाकर लूटपाट करने के बाद भी बदमाशों ने भागते समय उदय को धारदार हथियार से घायल कर उनका खून बहाया। अपनी पहचान छिपाने के बाद बदमाश अपने साथ डीवीआर भी ले गए।

4- दीपावली के आस-पास करते है वारदात

बावरिया गैंग की चौथी और बड़ी वजह है गैंग खासतौर पर इसी मौसम में वारदात करने के लिए निकला हैं। नवंबर से लेकर जनवरी तक वह कई स्टेट में घूम-घूम कर वारदात को अंजाम देते है और फिर अपने ठिकाने की तरफ निकल जाते है। बाकी दिनों में वह चुप्पी साधे रहते हैं।

दो साल पहले चिनहट में की थी वारदात

बावरिया गैंग ने दो साल पहले चिनहट इलाके में पहली वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद मलिहाबाद, काकोरी व अन्य इलाके में वारदात को अंजाम दिया था। बदमाशों के चिनहट इलाके में लूट की वारदात करने से पुलिस चौकन्ना हो गई है। बदमाशों को सुराग के साथ-साथ शहर व रूरल के साथ-साथ आउट स्कर्ट एरिया के सभी थाना प्रभारी व अफसरों को एक्टिव रहने का निर्देश दिया गया हैं।

बावरिया और बांग्लादेशी गैंग पर काम शुरू

डकैती की वारदात को भले ही पुलिस चोरी में दर्ज की हो, लेकिन पुलिस भी मान रही है कि यह किसी बड़े गैंग का काम हैं। इसके लिए क्राइम ब्रांच के साथ-साथ पुलिस की 8 स्पेशल टीम लगाई गई हैं। साथ ही बावरिया और बांग्लादेशी गैंग की खोज खबर भी ली जा रही है। कुछ दिन पहले ही बांग्लादेशी गैंग ने गाजियाबाद में भी लूट की घटना को अंजाम दिया था।