लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में कई मसाज पार्लर और स्पा सेंटर में सेक्स का कारोबार हो रहा है। पुलिस के पास सभी स्पा सेंटर्स और मसाज पार्लर की जानकारी है लेकिन वहां कौन-कौन काम करता है, इसकी डिटेल उसके पास नहीं है। नियम कानून ताक पर रखकर ऐसे सेंटर्स का संचालन किया जा रहा है।
सिर्फ पंचकर्म थेरेपी का लाइसेंस
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ। सुनीता सिंह ने बताया कि हमारा विभाग सिर्फ आयुर्वेदिक थेरेपी के लिए ही लाइसेंस देता है। यह लाइसेंस आयुर्वेद में डिप्लोमा धारक युवतियों के सर्टिफिकेट के आधार पर मिलता है। लाइसेंस की कोई फीस नहीं है, केवल ब्यूटी पार्लर खोलने के लिए यह लाइसेंस लेना जरूरी नहीं है। आयुर्वेद विभाग के मुताबिक शहर में केवल 10 से 12 सेंटर्स के पास ही यह लाइसेंस है।
इन नियमों का होना चाहिए पालन
- पुलिस के अनुसार स्पा व मसाज सेंटर के एंट्रेस, एग्जिट व रिसेप्शन प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगें।
- 30 दिन के डाटा का रिकॉर्ड रखा जाए।
- ग्राहक की आईडी प्रूफ, मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड रखना मालिक की जिम्मेदारी है।
विदेशी कर्मचारी के पास हो वर्क वीजा
सेंटर पर काम करने वाले पूरे स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन होना जरूरी है। विदेशी लड़कियां अगर वहां काम कर रही हैं तो उसके पास वर्क वीजा होना अनिवार्य है।
कमजोर पक्ष
पुलिस कार्रवाई से क्यों बचती है
जानकारों के अनुसार स्पा सेंटर में कार्रवाई के लिए पुलिस कई कारणों से बचती है। स्पा सेंटर में कई हाई प्रोफाइल कस्टमर होने के साथ वह प्रोफेशनल तरीके से काम करते हैं। कई बार पुलिस को मजबूत एविडेंस नहीं मिल पाते हैं। एविडेंस को कोर्ट में साक्ष्य के रूप में प्रूफ नहीं करने के चलते केस स्टैंड नहीं कर पाता है। वहीं सेंटर में काम करने वाले और कस्टमर के बालिग होने के चलते कानूनी कार्रवाई नहीं हो पाती है।

देह व्यापार में कानून और सजा
देह व्यापार की गतिविधियां पर आईपीसी की धारा 3, 4, 5, 6 इनमोरल ट्रैफिक प्रिवेंशन एक्ट के तहत कार्रवाई होती है। जिसमें 7 साल तक की सजा होती है। महिला के साथ पकड़े गए पुरुष के खिलाफ भी कार्रवाई होती है।
देह व्यापार अधिनियम क्या है
अनैतिक कामों केलिए स्त्री, पुरुष या बच्चों की खरीद व बिक्री करना इनमोरल ट्रैफिकिंग की श्रेणी में आता है। ऐसा करना अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के अनुसार दंडनीय अपराध है। अनैतिक देह व्यापार से पीड़ित (स्त्री, पुरूष व बच्चे)। वह संरक्षण, सुधार और पुनर्वास के अधिकारी हैं।
देह व्यापार में कौन सी धारा लगती है
अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को वेश्यावृत्ति, या गैर कानूनी संभोग या किसी कानून के विरुद्ध और दुराचारिक काम में लाए जाने या उपयोग किए जाने के लिए बेचता है या भाड़े पर देता है तो वह धारा 372 के अंतर्गत दोषी होगा।
ब्रॉथल चलाने पर क्या है कार्रवाई
इनमोरल ट्रैफिक एक्ट 1956 के सेक्शन 3 के मुताबिक चकलाघर, वेश्यालय या ब्रॉथल चलना अपराध है। इसकी परिभाषा में हर वह घर, कमरा या जगह आता है जिसका इस्तेमाल वेश्यावृत्ति के लिए किया जाता है। सेक्शन 4 के मुताबिक किसी का वेश्या की कमाई पर जिंदगी बसर करना भी अपराध है।
रेड लाइट एरिया का सच
अहम सवाल है कि जब सरकार ने कहा है वेश्यावृत्ति कानूनन जुर्म है तो रेड लाइट एरिया का निर्माण ही क्यों किया गया। पहले तो इसके मतलब को समझें। सरकार ने रेड लाइट एरिया में लाइसेंस वेश्यावृत्ति या देह-व्यापार के लिए नहीं बल्कि मुजरा या नृत्य देखने के लिए दिया है, लेकिन सभी जानते हैं कि इन लाइसेंसों का गलत उपयोग कर कुछ लोग यहां वेश्यावृत्ति का धंधा चलाते हैं।
कमजोर पक्ष
देह व्यापार या वेश्यावृत्ति से जुड़े रैकेट व सेंटर के खिलाफ लिखित शिकायत कम होती हैं। मौखिक शिकायत के आधार पर पुलिस एक्शन नहीं लेती। कोर्ट में मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करने में भी पुलिस अधिकतर नाकाम हो जाती है।

ऑनलाइन सेक्स कारोबार
इंडिया में पोर्न साइट पूरी तरह बैन हैं। हालांकि इंटरनेट पर पोर्न साइट के साथ ऑनलाइन सेक्स, मसाज पार्लर व अन्य संबंधित साइट उपलब्ध हंै। इसी ऑनलाइन सेक्स कारोबार की आड़ में ठग भी सक्रिय हैं और सेक्स का कारोबार भी खुलेआम चल रहा है। सेक्स की आड़ में हुई ठगी की लोग जल्द शिकायत भी नहीं करते हैं।
किस धारा में होती है कार्रवाई
ऑनलाइन सेक्स में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस अन्य धाराओं के साथ-साथ आईटी एक्ट 66 ए, आई एक्ट 67 और आईटी एक्ट 67 बी के तहत कार्रवाई करती हैैं। यह तीनों धारा सेक्स उत्पीड़न के तहत आती हैैं।
कमजोर पक्ष
साइबर एक्सपर्ट के अनुसार पोर्न साइट्स के सर्वर इंडिया में नहीं हैं। इसके चलते भी खुलेआम इंटरनेट पर पोर्न साइट व ऑनलाइन सेक्स साइट धड़ल्ले से चल रही है। पोर्न साइट का सर्वर जिन देशों में है, वहां उसे मान्यता मिली हुई है। अगर इंडिया में कोई शिकायत दर्ज होती है तो उस देश से संपर्क करना होता है। कई बार वहां का कानून भी पुलिस के हाथ रोक देता है।
आईटी एक्ट के एक्शन में कमजोर पक्ष
साइबर एक्सपर्ट के अनुसार ऑनलाइन सेक्स प्रताड़ना व पोर्न साइट के तहत जिन धाराओं में कार्रवाई की जाती है। उन तीनों धारा में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। आईटी एक्ट में केवल साइबर आतंकवाद केस में ही गिरफ्तारी व सजा का प्रावधान हैैं।