-दो सिविल और एक बलरामपुर में था भर्ती

- अभी भी दर्जन भर से ज्यादा बच्चे हैं भर्ती

LUCKNOW: दिमागी बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। संडे को फिर दिमागी बुखार से पीडि़त तीन बच्चों की मौत हो गई। इनमें से दो बच्चे सिविल अस्पताल और एक बलरामपुर में भर्ती था। डॉक्टर्स के अनुसार 5 वर्षीय अंशी का पिछले कई दिनों से सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा था। साथ ही 7 साल की पूर्णिमा भी सिविल अस्पताल के बाल रोग विभाग में भर्ती थी। दोनों को ही दिमागी बुखार की समस्या थी। लेकिन इलाज के दौरान दोनों ने संडे को दम तोड़ दिया। डॉक्टर्स ने काफी प्रयास किए लेकिन उसे बचा न सके। उधर पीलीभीत निवासी अब्दुल कादिर (10) की भी दिमागी बुखार के कारण मौत हो गई। अब्दुल बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विभाग में भर्ती था।

क्या है दिमागी बुखार

मेनिनजाइटिस या दिमागी बुखार बहुत ही खतरनाक संक्त्रामक रोग है जो मेनिन्गोकोकस नामक जीवाणु से होता है। इसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन आ जाती है। दिमाग में सूजन को ही दिमागी बुखार या इंसेफ्लाइटिस कहते हें। यह बैक्टीरियल और वायरल प्रकार का होता है। इसमें भयंकर सिरदर्द, तेजबुखार, गर्दन में अकड़न, लाइट में बहुत तेज दर्द होना, उल्टी आना और कमजोरी की समस्या होती है। इससे बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें , यह संक्त्रामक रोग हैए इसलिए अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही बुखार हैए तो उसके संपर्क में आने से बचें, .अपने आसपास सफाई का खास ख्याल रखें। ज्यादातर यह मच्छरों के काटने से तेजी से फैलता है इसलिए आस पास मच्छरों को न पनपने दें और मच्छर दानी लगाकर सोएं। बच्चों हो या बड़े फुल बांह के ही कपड़े पहने