लखनऊ (ब्यूरो)। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में कई दिनों से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान को लेकर शुक्रवार को विवि प्रशासन के कदम उठाए जाने से दूसरे पक्ष के स्टूडेंट्स नाराज होकर वीसी आवास का घेराव कर धरने पर बैठ गए। दरअसल, बसंत पंचमी के दिन कैम्पस में हुई सरस्वती पूजा को लेकर संघमित्रा हॉस्टल की तीन छात्राओं को निलंबित करते हुए 15 दिनों के लिए घर भेज दिया गया है। स्टूडेंट्स ने कैम्पस में पूजा पाठ को लेकर वीसी से अनुमति लेने पर सवाल उठाते हुए आरोपित छात्राओं को घर भेजने का विरोध किया।

तीन छात्राओं को भेजा घर

संघमित्रा हॉस्टल की मुख्य संरक्षिका ने हॉस्टल की तीन छात्राओं के पेरेंंट्स के पत्र भेजकर घर ले जाने को कहा है। पत्र के मुताबिक, छात्राओं ने विवि के हॉस्टल मैन्युअल का उल्लंघन किया है। दरअसल, इन छात्राओं पर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का आरोप है। आरोप को लेकर बीते आठ दिनों से दलित छात्र उनके निष्कासन की मांग कर रहे थे। सात दिनों के बाद विवि प्रशासन ने मामले को लेकर हॉस्टल वार्डन को पत्र जारी करते हुए छात्राओं को 15 दिनों के लिए घर भेजने के निर्देश दे दिए।

सबूत न मिलने पर रोष

शुक्रवार को वीसी आवास के बाहर धरने पर बैठे दूसरे गुट के छात्रों का कहना है कि पूरे मामले में विवि प्रशासन को अपमान का सबूत नहीं मिल पाया है। जबकि छात्राओं पर बिना कुलपति की मंजूरी के पूजा करने के चलते कार्यवाही की गई है। उनका आरोप है कि दलित संगठन के प्रदर्शन के दबाव में विवि प्रशासन ने कार्यवाही की है।

दीक्षांत से पहले मामला निपटाने में लगा विवि

विवि में 13 फरवरी को 10वां दीक्षांत समारोह आयोजित होना है। ऐसे में परिसर के माहौल को ठीक करने के लिए विवि प्रशासन ने पूरे मामले पर प्रोफेसर सुदर्शन वर्मा की अध्यक्षता में पहले ही एक कमेटी का गठन कर दिया था। यह कमेटी पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके बाद भी दलित छात्र अपना प्रदर्शन समाप्त करने को तैयार नहीं हैं। अब हॉस्टल संरक्षिका की ओर से हुई इस कार्रवाई को सवर्ण छात्र डॉक्टर अंबेडकर के अपमान के मामले से जोड़कर देख रहे हैं।