लखनऊ (ब्यूरो)। प्राधिकरण की ओर से जो टाइम सेविंग कांसेप्ट तैयार किया जा रहा है, उसका मुख्य फोकस पब्लिक को उसकी जरूरत की चीजें आसपास ही उपलब्ध कराना है। जिससे पब्लिक को उक्त सुविधा का लाभ लेने के लिए व्हीकल का यूज न करना पड़े। इस कांसेप्ट का पूरा फोकस 15 से 18 मिनट के बीच में रहेगा। कांसेप्ट में साफ है कि अगर व्यक्ति को अस्पताल जाना हो, पार्क जाना हो, जिम जाना हो, मार्केट जाना हो या मेट्रो स्टेशन जाना हो तो वह पैदल ही वहां तक पहुंच सके और उसका समय 15 से 18 मिनट से अधिक खर्च न हो।

कांसेप्ट का दूसरा भाग
प्राधिकरण की ओर से इस पर काम किया जाएगा कि किस तरह से दो इलाकों के बीच की दूरी को कम किया जाए, जिससे पब्लिक आसानी से और कम से कम समय में एक इलाके से दूसरे इलाके तक पहुंच सके। वर्तमान स्थिति यह है कि अगर आपको एलडीए के एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में जाना है तो लंबा वक्त लग जाता है। हाल में आयोजित कांक्लेव में भी यह मुद्दा उठा था और यह बात सामने आई थी कि एलडीए की ओर से डेवलप की गई योजनाओं के सेक्टर्स की दूरी अधिक है, ऐसे में सेक्टर्स के बीच एक समान डेवलपमेंट की तस्वीर क्लियर नहीं हो सकती है।

पुराने एरियाज पर भी फोकस
एलडीए की ओर से एक तरफ जहां नए एरियाज में पब्लिक सुविधाओं पर फोकस किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पुराने एरियाज में भी डेवलपमेंट के लिए योजना बनाई जा रही है। चूंकि ये एरिया डेवलप हो चुके हैैं और यहां पर जगह नहीं है, ऐसे में छोटे-छोटे पॉकेट चिन्हित कर बुनियादी सुविधाओं को डेवलप करने संबंधी तैयारी की जा रही है। हालांकि यह कदम उठाने से पहले एलडीए की ओर से नए सिरे से सर्वे भी कराया जाएगा और देखा जाएगा कि किस पॉकेट को किस रूप में डेवलप किया जा सकता है। एलडीए की ओर से डेवलपमेंट संबंधी कदम उठाने के लिए नगर निगम समेत अन्य सभी विभागों की भी मदद ली जाएगी।

हमारी ओर से यही प्रयास किया जा रहा है कि पब्लिक को जिम, पार्क या मेट्रो स्टेशंस इत्यादि तक जाने के लिए व्हीकल का यूज न करना पड़े। पब्लिक आसानी से इन स्थानों पर पहुंच सके और वो भी कम से कम समय में।
डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए