- पुरानी वॉल्वो बसें रोडवेज के बस बेड़े से होंगी बाहर

- नई बसों का एक बार निर्धारित समय सीमा के लिए होगा अनुबंध

- लंबे रूट पर चलने के कारण ये बसें जल्द हो जाती है पुरानी

 

LUCKNOW: कहीं सीट नहीं तो कहीं बॉडी को नया दि2ाने के लिए उसके अंदर कपड़ा लगा दिया गया है। यह हाल है प्रदेश में चल रही वॉल्वो का। ऐसे में इन बसों में महंगा किराया देकर सफर करने वाले यात्री अन्य विकल्पों की तलाश करने लगते हैं। यात्रियों की इन दिक्कतों को दे2ाते हुए परिवहन निगम जल्द ही वॉल्वो को लेकर नई गाइड लाइन तैयार करेगा। जिससे यात्रियों को इन बसों में चमचमाती सीटें और शानदार सफर की सुविधा मिले।

लगातार घट रहे है यात्री

लंबी दूरी पर दौड़ रही वॉल्वो में यात्रियों की सं2या न मिलने के कारण परिवहन निगम पर बढ़ते बोझ से यहां के अधिकारी परेशान हैं। इसी के चलते लगातार इसकी सेवाओं का अध्ययन किया जा रहा है। जिसमें पता चला कि वॉल्वो की कंडीशन को दे2ाते हुए यात्री सफर करने से कतरा रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अनुबंधित हाईएंड वॉल्वो बस सेवा की उम्र निर्धारित करने पर विचार कर रहा है। परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार वॉल्वो की नई बस का छह साल के लिए अनुबंध किया जाता है। इसी टाइम पीरियड पर बसों का अनुबंध हो। इसके बाद इनकी उम्र न बढ़ाई जाए। ऐसे में इतने साल चल चुकी बस का अनुबंध का नवीनीकरण न किया जाए। लंबी दूरी पर लगातार छह साल चलने के कारण इन बसों की हालत बेहद 2ाराब हो जाती है। ऐसे में यात्री पुरानी बसों में महंगा किराया देकर सफर करने से कतराते हैं। परिवहन निगम बोर्ड की बैठक में 5ाी यह मुद्दा र2ा जाना है।

आठ साल तक नवीनीकरण

रोडवेज की बसों के बेड़े में शामिल हाईएंड बसों का अनुबंध छह साल के लिए होता है। इसके बाद हर साल इनका नवीनीकरण किया जाता रहता है। ऐसे में कई बसें तो आठ साल की उम्र 5ाी पूरी कर चुकी हैं। इन बसों की हालत बेहद 2ाराब है। इसी के चलते निगम हाईएंड बसों का नवीनीकरण कराने की योजना खत्म करने पर विचार कर रहा है।

कोट

हाईएंड बसों की उम्र निर्धारित किए जाने को लेकर विचार किया जा रहा है। इस मामले को बोर्ड बैठक में 5ाी र2ा जाएगा।

एचएस गाबा

मु2य प्रधान प्रबंधक संचालन

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम