- आज शुरू होगा सूर्य के उपासना का महापर्व

LUCKNOW : छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं नहाय-खाय के साथ गोमा के तटों पर जाकर छठ पूजा करने की तैयारी कर चुकी हैं। शुक्रवार को व्रती महिलाएं खरना करेंगी और उपवास रखकर शाम को पूजा करने के बाद नैवेद्य और प्रसाद ग्रहण करेंगी। शनिवार को व्रती महिलाएं निर्जला उपवास रखेंगी। इस दिन सूर्योदय 6.39 बजे और षष्टी तिथि का मान पूरे दिन रहेगा। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं गोमा के तटों पर जाकर छठ मैय्या के गीत गाकर उनकी आराधना कर परिवार की खुशहाली और संपन्नता की मनोकामना छठ मैय्या से करेंगी।

चार दिन का कठिन व्रत

छठ पर्व 19 नवंबर से शुरू हो चुका है जो 21 नवंबर तक मनाया जाएगा। प्रथम दिन नहाय-खाय के साथ यह व्रत शुरू हो चुका है। इस व्रत को काफी कठिन व्रत माना जाता है। व्रत के तीसरे दिन यानि शुक्रवार को महिलाएं निर्जला व्रत रखा जाता है। वहीं चौथे दिन सूर्योदय के समय अ‌र्ध्य दान और व्रत का पारण किया जाता है।

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अ‌र्ध्य देने का शुभ मुहूर्त

- 20 नवंबर शुक्रवार- सूर्योदय 6 बजकर 39 मिनट और षष्ठी तिथि का मान पूरे दिन और रात को 2 बजकर 02 मिनट तक है। सूर्यास्त का समय 5 बजकर 21 मिनट है। इस समय अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य प्रदान किया जाएगा।

- 21 नवंबर को अ‌र्ध्य देने का समय- सूर्योदय 6 बजकर 29 मिनट पर।

घरों में कर रहे तैयारी

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार बहुत से लोग नदी किनारे पूजा करने नहीं जाएंगे। ऐसे लोग घर की छत पर ही कूलर की टंकी, टब में खड़े होकर पूजा करेंगे। बहुत से लोगों ने छतों पर या गैलरी में आर्टिफिशियल तालाब बनाना शुरू कर दिया है।

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छठ में फलों का महत्व

छठ पूजा में फलों का विशेष महत्व है। छठ मैय्या को मुख्यत: सात फल चढ़ाए जाते हैं। हालांकि बहुत से लोग पूजा के दौरान छठ मैय्या को सब्जियां भी चढ़ाते हैं।

केला

केला छठ मैय्या का प्रिय फल माना जाता है। केला में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए यह पवित्र फल है।

डाभ नींबू

डाभ नींबू सामान्य नींबू से बढ़ा होता है और खाने में हल्का खट्टापन लिए होता है। यह छठ मैय्या का प्रिय फल है।

नारियल

छठ में नारियल का भी विशेष महत्व है। नारियल को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया।

गन्ना

छठ पूजा में शाम को आंगन में गन्ने का घर बनाकर उसके नीचे हाथी रखकर छठ मैय्या की पूजा की जाती है। इससे सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

जल सिंघारा

जल सिंघारा माता लक्ष्मी का प्रिय फल है। आयुर्वेद में इसे बहुत गुणकारी बताया गया है। यह रोगनाशक फल है।

सुथनी

यह खाने में शकरकंद की तरह होता है और इससे कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। यही कारण है कि छठ पूजा के दौरान इसका यूज किया जाता है।

बातचीत

छठ पूजा की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। शुक्रवार से निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। सूर्य को अ‌र्ध्य देने के बाद व्रत पूरा होगा। छठ मैय्या की पूजा समृद्धि और परिवार के उन्नति के साथ-साथ सुरक्षा के लिए की जाती है।

रजनी शुक्ला, गोमती नगर

छठ पूजा परिवार के सभी लोग एकजुट होकर करते हैं। यह त्योहार शुद्धता और समृद्धि से जुड़ा है। दो दिन तक निर्जला व्रत रहकर छठ मैय्या से परिवार की उन्नति की प्रार्थना की जाती है, जिसे छठ मैय्या जरूर पूरा करती हैं।

प्रतिभा मिश्रा, इंदिरा नगर

बुधवार से ही छठ पूजा शुरू हो गई है। खरना के साथ ही दो दिवसीय निर्जला व्रत शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। इस बार घाट पर भीड़ कम रहेगी और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ घरों में ही अधिकतर लोग यह पूजा करेंगे। नूतन पांडेय, चिनहट

इस पर्व में उगते और डूबते सूरज को अ‌र्ध्य देकर देकर उनकी पूजा की जाती है। जल में खड़े होकर सूर्य देव के आने व जाने की प्रार्थना के साथ परिवार के सदस्यों की समृद्धि व सुरक्षा की कामना और आशीर्वाद मांगा जाता है।

मीना तिवारी, इंदिरा नगर