लखनऊ (ब्यूरो)। पीजीआई थाना क्षेत्र के अंतर्गत रायबरेली रोड वृंदावन कालोनी सेक्टर-6 स्थित निर्माणाधीन आरनेट बैंक्वेट हाल की लिफ्ट गिरने से कांट्रैक्टर समेत दो लोगों की मौत हो गई। एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। हादसा उस दौरान हुआ जब बिल्डिंग मैटेरियल को लिफ्ट से तीनों लोग टॉप फ्लोर पर ले जा रहे थे, तभी लिफ्ट टूटने से दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे के बाद सभी को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां गोंडा के बम्बभान निवासी योगेश कुमार मिश्रा (42) और निगोहा के कुसमौरा गांव निवासी भरतलाल लोधी (41) को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि बिहार निवासी पप्पू का इलाज चल रहा है।

तीस फुट ऊपर से गिरी लिफ्ट

घटना रविवार दोपहर करीब दो बजे की है। वृंदावन कालोनी सेक्टर-6 में आरनेट बैंक्वेट हाल बनाने का काम चल रहा है। रोजाना की तरह रविवार को भी यहां पर काम चल रहा था। बिल्डिंग में लोहे के पाइप और गार्टर बंधा हुआ था। माल ढुलाई के लिए बाहर से अस्थाई लिफ्ट बनाई गई थी। लिफ्ट में गिट्टी व बिल्डिंग मैटेरियरल रखकर टॉप फ्लोर पर ले जा रहा था। करीब दो बजे कांट्रैक्टर योगेश, मजदूर भरत और पप्पू लिफ्ट से ऊपर जा रहे थे। करीब तीस फीट की ऊंचाई पर लिफ्ट पहुंची तो अचानक टूट गई। जिससे तीनों लिफ्ट समेत धड़ाम से नीचे से आ गिरे। हादसे में सभी लहुलूहान हो गए।

बिना बेल्ट लगाए हो रहा था काम

हादसे के बाद आसपास के लोगों ने चीख-पुकार मचाई, आनन-फानन में सभी मजूदर मौके पर दौड़े। जिसके बाद तीनों को पीजीआई के ट्रामा में ले जाया गया। वहीं, इसकी सूचना पाकर पीजीआई इंस्पेक्टर राणा राजेश सिंह समेत अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस जांच में सामने आया कि बैंक्वेट हॉल एसपी सिंह और रवि वाधवा का है। पिछले काफी दिनों से यहां पर काम चल रहा है। यह भी पता चला कि बिना सुरक्षा मानक के ही लिफ्ट से बिल्डिंग मैटिरियल ले जाया जा रहा था। किसी ने बेल्ट नहीं पहना था। वहीं, पुलिस हादसे की लापरवाही समेत अन्य पहलुओं पर जांच करने में जुट गई है।

स़ेफ्टी बेल्ट होती तो बच सकती थी जान

डॉक्टरों ने बताया कि कांट्रैक्टर योगेश और भरत का सिर फटने, हाथ-पैर टूटने और ज्यादा ब्लड बहने से मौत हुई है। घायल मजदूर पप्पू का कहना है कि जबरन बिना सेफ्टी बेल्ट के काम करा रहे थे। किसी के पास हेलमेट भी नहीं था। मजदूरों को लिफ्ट से लाने-जाने का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। अगर सभी के पास सेफ्टी बेल्ट होती तो शायद दोनों की जान बच सकती थी।

हादसे का जिम्मेदार कौन?

शहर के अलग-अलग एरियाज में कई बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है, लेकिन अधिकतर जगहों पर बिना सुरक्षा मानकों के ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अगर इसमें सुरक्षा का ख्याल रखा गया होता तो शायद योगेश और भरत की जान बच सकती थी। ऐसे में सवाल है कि पुलिस इन पर कोई एक्शन भी लेती है या फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। हालांकि, इंस्पेक्टर पीजीआई राणा राजेश सिंह ने बताया कि मामले में कोई शिकायत नहीं दी गई है। परिजनों और मौके पर काम कर रहे मजदूरों का बयान दर्ज किया जा रहा है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जांच पूरी होने के बाद बनती कार्यवाही की जाएगी।